केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगी।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि अगर कोई महिला सबरीमाला मंदिर जाना चाहती है तो उसे रोका नहीं जाएगा और कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए महिला पुलिसकर्मियों को लगाया जाएगा। राज्य सरकार सप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगी और मंदिर जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा महैया कराई जाएगी।
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी। फैसले पर शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ऐतराज जताया था। वहीं, राज्य में फैसले को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को फैसले का विरोध कर रही हजारों महिलाओं को हिरासत में लिया गया।
अभी तक था महिलाओं के प्रवेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में उस प्रावधान को चुनौती दी गई थी जिसके तहत मंदिर में 10 से 50 वर्ष आयु की महिलाओं के प्रवेश पर अब तक रोक थी। कहा गया कि अगर महिलाओं का प्रवेश इस आधार पर रोका जाता है कि वे मासिक धर्म के समय अपवित्र हैं तो यह भी दलितों के साथ छुआछूत की तरह है। सुप्रीम कोर्ट ने 4-1 के बहुमत से फैसला दिया।
ब्रह्रमचारी देव की दी थी दलील
सुनवाई के दौरान केरल त्रावणकोर देवासम बोर्ड की ओर से पेश सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि दुनिया भर में अयप्पा के हजारों मंदिर हैं, वहां कोई बैन नहीं है लेकिन सबरीमाला में ब्रह्मचारी देव हैं और इसी कारण तय उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर बैन है, यह किसी के साथ भेदभाव नहीं है और न ही जेंडर विभेद का मामला है।