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स्कूली शिक्षा की क्वालिटी में केरल सबसे ऊपर, यूपी आखिरी स्थान पर

नीति आयोग ने साल 2016-17 की स्कूली शिक्षा की क्वालिटी पर रैकिंग जारी की है जिसमें केरल टॉप पर है जबकि यूपी...
स्कूली शिक्षा की क्वालिटी में केरल सबसे ऊपर, यूपी आखिरी स्थान पर

नीति आयोग ने साल 2016-17 की स्कूली शिक्षा की क्वालिटी पर रैकिंग जारी की है जिसमें केरल टॉप पर है जबकि यूपी सबसे आखिरी नंबर पर है। इस रैंकिंग में देश के 20 बड़े राज्यों को शामिल किया गया था। दूसरे पर राजस्थान और तीसरे पर कर्नाटक का नाम है।

स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (एसईक्यूआई) की एक रिपोर्ट जारी की गई है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और मानव संसाधन विकास स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे की मौजूदगी में सोमवार को यह रिपोर्ट जारी की।

सीखने के नतीजों पर आधारित है रिपोर्ट

रिपोर्ट स्कूल जाने वाले बच्चों के सीखने के नतीजों पर आधारित है। अपनी तरह की इस पहली रिपोर्ट में पहले स्थान पर केरल और उत्तर प्रदेश अंतिम स्थान पर है। इस इंडेक्स में संदर्भ वर्ष 2016-17 और आधार वर्ष 2015-16 को लिया गया है।

वहीं, लगातार सुधार रैंकिंग में हरियाणा पहले, असम दूसरे और उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा। छोटे राज्यों के संपूर्ण प्रदर्शन श्रेणी में मणिपुर टॉप पर है, जबकि त्रिपुरा दूसरे और गोवा तीसरे स्थान पर रहा। मेघालय को लगातार सुधार रैंकिंग में पहला स्थान मिला। उसके बाद नगालैंड और गोवा का स्थान रहा है।

राज्यों के बीच बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा

राजीव कुमार का कहना है कि इस इंडेक्स के जारी होने से राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इस क्षेत्र में बढ़िया करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। रीना रे के मुताबिक, इस समय देश में 11.85 लाख स्कूल हैं, जिनमें शिक्षकों की भारी कमी है। कुछ राज्यों के शहरी इलाको में शिक्षक ठीक ठाक है, लेकिन दूरदराज के स्कूलों में एक शिक्षक से काम चलाया जा रहा है। कहीं-कहीं तो नियोजन वाले शिक्षकों से ही काम चल रहा है।

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