पंजाब में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई चल रही है। लेकिन पुलिस के दावे हवा हवाई नजर आ रहे हैं। शाम तक दावा किया जा रहा था कि अमृतपाल पकड़ा गया है, लेकिन वह पुलिस टीम को चकमा देने में कामयाब रहा। इस बीच पंजाब सरकार ने अफवाहों के प्रसार और संभावित तनाव को रोकने के लिए रविवार रात 12 बजे तक कई हिस्सों में इंटरनेट बंद हैं। कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब डे के तत्वों के खिलाफ राज्य में बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेरा और तलाशी अभियान शुरू किया। अब तक 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई अन्य को हिरासत में लिया गया है। अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार हैं और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है।
हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर नाकेबंदी की गई है। यहां से गुजरने वाली गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर हो रही कोशिशों के बीच इंटेलिजेंस एजेंसियों राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार राज्य सरकार के संपर्क में है। अमृतपाल सिंह के गांव जल्लूपुर खेड़ा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गांव में पंजाब पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है।
'वारिस पंजाब दे' प्रमुख के कुछ समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर कर दावा किया कि पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे हैं। एक वीडियो में अमृतपाल को एक वाहन में बैठे हुए भी देखा जा सकता है और उनके एक सहयोगी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मी 'भाई साहब' (अमृतपाल) के पीछे पड़े हैं।
इस बीच, पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा। इसने एक ट्वीट में कहा, "सभी नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का अनुरोध करें। पंजाब पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम कर रही है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं या फर्जी खबरें या अभद्र भाषा न फैलाएं।"
दरअसल, शनिवार को अमृतपाल जालंधर से मोगा की ओर जा रहा था जैस की पुलिस ने उसका व उसके साथियों का पीछा किया वह खुद गाड़ी में बैठकर लिंक रोड से होते हुए भाग गया। पुलिस की दर्जनों गाड़ियां उसके पीछे लग गईं। खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने करीबी दोस्त लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस मामले में अभी तक अमृतपाल व उसके साथियों पर अभी तक कोई मामला दर्ज न किए जाने पर सरकार और पंजाब पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी।
शनिवार को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। शाहकोट-मलसियां इलाके में उसके प्रोग्राम के लिए समर्थक सुबह से जुटने लगे थे। इस प्रोग्राम से पहले ही जालंधर और मोगा पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में गुपचुप तरीके से अमृतपाल को गिरफ्तार करने की रणनीति बना ली थी। इसके लिए आसपास के कई जिलों से रातोंरात पुलिस फोर्स बुला ली गई। जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर भी सुबह से ही भारी नाकेबंदी कर दी गई।
शनिवार दोपहर करीब एक बजे जैसे ही अमृतपाल का काफिला जालंधर के मेहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। काफिले में सबसे आगे चल रही 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया गया। अमृतपाल की मर्सिडीज कार काफिले में तीसरे नंबर पर थी। पुलिस को देखकर उसका ड्राइवर गाड़ी लिंक रोड की तरफ मोड़कर भगा ले गया। जालंधर और मोगा पुलिस उसके पीछे लग गई।
पुलिस को गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के 6 साथियों से कई हथियार मिले हैं। इन्हें जालंधर के मैहतपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। अमृतपाल का कार में बैठकर भागते हुए का एक वीडियो भी सामने आया। इस वीडियो में अमृतपाल गाड़ी की अगली सीट पर बैठा नजर आ रहा है और अपने समर्थकों से इकट्ठा होने की अपील कर रहा है। गाड़ी में मौजूद अमृतपाल के समर्थक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिस उनके पीछे लगी है।
अमृतपाल के करीबी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मोगा के रहने वाले भगवंत सिंह को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपने खेतों में पशुओं के लिए चारा काट रहा था। पांच गाड़ियों में पहुंचे पुलिसवालों ने खेतों में घेरा डालकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखते ही भगवंत सिंह सोशल मीडिया पर लाइव हो गया और अपनी तरफ बढ़ रहे पुलिसवालों को दिखाने लगा।
भगवंत सिंह के खिलाफ हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने को लेकर केस दर्ज हो चुका है। वह पंजाब सरकार के खिलाफ और अमृतपाल के हक में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालता रहा है।
23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था।