राजस्थान के कोटा अस्पताल में शनिवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद जेके लोन अस्पताल में मौत का आंकड़ा बढ़कर 107 हो गया है। वहीं, स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार की एक टीम अस्पताल पहुंची। ताजा मौत उस समय हुई जब केंद्र सरकार की एक टीम ने अस्पताल का दौरा किया।
लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला ने शनिवार को जेके लोन अस्पताल में मारे गए बच्चे के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कोटा अस्पताल में बच्चों की बढ़ती मौत के लिए अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की कड़ी आलोचना की।
राज्य सरकार के डॉक्टरों की तीन सदस्यीय समिति को 23 और 24 दिसंबर को इस मामले की जांच के लिए भेजा गया था, जिसने पाया गया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में बेड कम है और इसमें सुधार की आवश्यकता है। हालांकि, समिति ने हाल ही में वहां भर्ती बच्चों की मौत पर किसी भी चूक के लिए डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में सरकारी अस्पताल में कम से कम 91 शिशुओं ने अपनी जान गंवाई थी।
एनएचआरसी ने दिया नोटिस
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसॉ) ने राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए उठाए गए कदमों के बारे में 4 सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। आयोग ने मुख्य सचिव से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों की इस तरह की मौत भविष्य में न हो।
सरकार उठा रही है कदमः कांग्रेस
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि राजस्थान सरकार उन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जो शिशुओं की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने पिछले पांच वर्षों में राज्य में चिकित्सा सुविधाओं को नष्ट कर दिया और उनकी पार्टी अब इसमें सुधार कर रही है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कोटा में बच्चों की मौतों पर राज्य मशीनरी की ओर से लापरवाही से इनकार किया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार की एक विशेषज्ञ टीम का स्वागत है। राज्य राजस्थान को 'निरोगी' बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के प्रति सरकार संवेदनशील है और इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।