अधिसूचना की मंजूरी के साथ ही उपराज्यपाल ने कहा कि इससे दिल्ली के लोगों की घरों की जरूरत पूरी हो सकेगी। इससे दिल्ली के गांवों की तस्वीर बदल जाएगी। दक्षिणी व उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत 95 गांवों की जमीन को डीडीए लैंड पूलिंग के तहत लेगी। जिसकी 50 एकड़ से अधिक जमीन होगी उसको को 60 फीसदी और पांच एकड़ से अधिक जमीन जिसकी होगी उसको 48 फीसदी जमीन वापस मिल जाएगी। लैंड पूलिंग नीति के तहत एजेंसी सड़क, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक केंद्रों स्टेडियम वगैरा विकसित करेगी और फिर प्लाट का हिस्सा किसान को देगी जो प्राइवेट बिल्डर की मदद से आवासीय प्रोजेक्ट्स ला सकता है।
उपराज्यपाल के मुताबिक, इन 95 गांवों को पांच जोन के-1 (20 गांव), एल (30 गांव), एन (21 गांव), पी-2 (23 गांव) और जे (1 गांव) में बांटा गया है। नीति की खास बात यह है कि किसान को वापस दी गई जमीन पर बिल्डर की मदद से आवासीय प्रोजेक्ट लाया जा सकेगा जबकि इससे पहले इन गांवों में कृषि भूमि पर आवासीय भवन बनाने की मंजूरी नहीं थी। नीति लागू करने का प्रस्ताव दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित किया गया है जिसमें 25 लाख घर बनाने की बात है। इसके लिए दस हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी।