गोगरा पेट्रोलिंग प्वाइंट-17A से भारत और चीन की सेना पीछे हट गई है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव कम करने की दिशा में हाल में। दोनों देशों के बीच 12वें दौर की सैन्य स्तर की बातचीत में इस पर सहमित बनी थी। भारतीय सेना की तरफ से शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी गई। दोनों पक्षों द्वारा निर्मित सभी अस्थायी ढांचों, अन्य अवसंरचनाओँ को नष्ट कर दिया गया है और परस्पर तरीके से सत्यापित किया गया है।
भारतीय सेना ने कहा कि भारत और चीन, दोनों देशों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई है। भारतीय थल सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ राष्ट्र की संप्रभुता बनाए रखने और पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शांति बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें कि पिछली बैठक में चीन ने पैंगोंग-त्सो इलाके को छोड़कर किसी दूसरे इलाके में विवाद होने से इनकार किया था लेकिन भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद सैन्य कमांडर्स की मीटिंग पर सहमति बनी थी।द शनिवार हुई बैठक के बाद गोगरा पेट्रोलिंग प्वाइंट-17ए से दोनों देशों के जवान पीछे हटे हैं।
एलएसी विवाद के निपटारे के लिए अब तक कूटनीतिक और सैन्य स्तर की लगातार वार्ताएं हुई हैं। कुछ जगहों से दोनों देशों की सैनिकों की वापसी भी भारत और चीन के बीच हुई और जवान पुराने ठिकाने पर चले गए लेकिन, हॉट स्प्रिंग और गोगरा में अभी तक सहमति नहीं बन पाई थी। पिछले साल जून में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जो पिछले कई दशकों में ऐसी पहली घटना थी। इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के करीब 40 पीएलए जवान मारे गए थे।