दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में रांची हाई कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आधी सजा की मियाद पर सीबीआइ के स्टैंड पर सहमति जाहिर करते हुए अदालत ने जमानत याचिका खारिज की है। अब लालू प्रसाद की होली भी जेल में ही मनेगी। लालू जब बाहर रहते थे तो उनकी कुर्ता फाड़ होली बड़ी चर्चित रहती थी। पशुपालन घोटाला से संबंधित चार मामलों में लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं जिनमें तीन मामलों में आधी सजा काट लेने के आधार पर जमानत मिल चुकी है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी संबंधित चौथे मामले में जमानत मिलती तो वे जेल से बाहर होते। अब दो माह बाद इस मामले की सुनवाई होगी।
शुक्रवार को रांची हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार की अदालत में लालू प्रसाद की जमानत पर सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि अभी इस मामले में आधी सजा पूरी करने में दो माह सात दिन शेष है। इसकी मियाद पूरी करने के बाद ही उन्हें जमानत दी जा सकती है। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से दस्तावेज के हवाले से बताया गया कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद द्वारा आधी सजा काटने में दो माह सात दिन का समय शेष है। वहीं लालू प्रसाद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इसी तरह के मामलों में चारा घोटाला के कुछ सजायाफ्ता लोगों को हाई कोर्ट ने जमानत दी है। सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा कि यह केस और दूसरे केस में अंतर है। इस केस में सात-सात साल यानी कुल 14 साल की सजा हुई है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी। अब दो माह बाद इस मामले की सुनवाई होगी। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार के अनुसार दो माह बाद पुन: जमानत याचिका दाखिल की जयेगी। बता दें कि दुमका कोषागार से तीन करोड़ 13 लाख रुपये अवैध निकासी के मामले में सीबीआइ की विशेष अदाल ने दो अलग अलग धाराओं में लालू प्रसाद को सात-सात साल की सजा सुनवाई थी। लालू प्रसाद बीमारी के कारण लंबे समय से रांची के रिम्स में एडमिट थे। तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हें 23 जनवरी को एम्स ले जाया गया था। फिलहाल दिल्ली के एम्स में ही उनका इलाज चल रहा है।