Advertisement

मोटर कारखाने के लिए जमीन ऑफर, टाटा ने सिंगूर की जमीन के 154 करोड़ वापस मांगे

टाटा मोटर्स को बंगाल के गोआलतोड़ में मोटर कारखाना लगाने के लिए आधिकारिक तौर पर प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है ममता बनर्जी की सरकार। इस बारे में टाटा मोटर्स के आला अधिकारियों को अवगत कराया दिया गया है। बंगाल के वित्त एवं उद्योग मंत्री अमित मित्रा के अनुसार, टाटा की ओर से सकारात्मक संकेत मिले हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार, टाटा समूह के अधिकारियों ने एक और मसला उठा दिया है। गोआलतोड़ प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ने के पहले टाटा घराना चाहता है कि सिंगूर के मुआवजे के तौर पर कम से कम 154 करोड़ रुपए वापस किए जाएं। टाटा समूह ने वहां की जमीन अलॉट होने के समय राज्य सरकार को यह रकम चुकाई थी। वाममोर्चा की तत्कालीन सरकार ने वहां नैनो कार प्रोजेक्ट लगाने के लिए टाटा समूह को जमीन अलॉट की थी।
मोटर कारखाने के लिए जमीन ऑफर, टाटा ने सिंगूर की जमीन के 154 करोड़ वापस मांगे

गोआलतोड़ में कुल 950.16 एकड़ जमीन टाटा समूह को ऑटो हब विकसित करने के लिए देने की पेशकश की जा रही है। बंगाल के उद्योग विभाग के अधिकारी के अनुसार, यहां के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है। यह जमीन अब तक कृषि विभाग के पास थी। हाल में इसे उद्योग मंत्रालय को हस्तांतरित किया गया है। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गोआलतोड़ तक पहुंचने के लिए 60 फीट चौड़ी सड़क बनाई जा रही है, जिसे राज्य का लोकनिर्माण विभाग बनाएगा। इसके अलावा विभिन्न ढांचागत सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं। उद्योग मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, जर्मनी की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर टाटा मोटर्स के एमडी टीवी राजेंद्रन से बातचीत की थी। गोआलतोड़ की जमीन पर 2013 में बीज संवर्धन केंद्र और एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय खोलने की योजना बनी थी। वह रूपायित नहीं हुआ, तब यहां कारखाने लगाने की बात चली। 2015 में दक्षिण कोरिया के एक कारोबारी घराने के प्रतिनिधि इसे देखने आए थे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। कोलकाता से लगभग दो सौ किलोमीटर दूर यह जगह चंद्रकोना रेलवे स्टेशन और नेशनल हाईवे से 29 किलोमीटर दूर है।

यहां परियोजना लगाने की पेशकश पर गौर करने का भरोसा टाटा समूह ने दिया है। लेकिन उसके पहले टाटा के अधिकारी सिंगूर का मुआवजा चाहते हैं। हालांकि, मुआवजे की रकम वहां अब तक औद्योगिक घराने द्वारा खर्च की जा चुकी रकम की मात्र 10 फीसद बताई जाती है। कंपनी ने वहां हुए 1246 करोड़ रुपए के नुकसान को भुला देने की बात कही है। सिर्फ वे 154 करोड़ रुपए मांग रही है, जो उसने राज्य सरकार को जमीन की एकमुश्त लीज के बाबत दिए थे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad