दरअसल, मंगलवार को पूर्वा एक्सप्रेस में यात्रियों का एक समूह झारखंड से यूपी के लिए सफर कर रहा था कि तभी उन्हें वेज बिरयानी परोसी गई, जिसमें उन्हें मरी हुई छिपकली मिली। जिस समय यह वाकया हुआ उस समय यात्री दो-तीन निवाला खाना खा चुका था। बिरयानी खाने के बाद एक व्यक्ति बीमार भी पड़ गया। इस तरह के खाने की जब टिकट चेकर और पेंट्रीकार के कर्मचारी से शिकायत की गई तो इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद पैसेंजर ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी।
इस ट्वीट का प्रभाव यह पड़ा कि जैसे ही ट्रेन यूपी के मुगलसराय स्टेशन के पास रुकी, तभी कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और बीमार शख्स को दवाइयां दीं। साथ ही, कार्रवाई का भी भरोसा दिया। इस मामले के बाद मुगलसराय स्टेशन के सीनियर ऑफिसर किशोर कुमार ने बताया कि हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता यात्री की सेहत को लेकर है। ट्रेन के आने से पहले ही डॉक्टर से उनके स्वास्थ्य को लेकर बातचीत हो गई थी और उन्होंने दवाई बता दी थी। ऑफिसर ने बताया कि हम लोग जांच कर रहे हैं और सख्त कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि हाल ही में कैग (CAG) की रिपोर्ट में सामने आया कि ट्रेनों में सफर करते हुए पैंट्री कार से जो खाना मंगाकर खाया जाता है, वो कहीं-कहीं तो इंसान के खाने लायक नहीं है। कई जगहों पर वो गंदे पानी से पकाया जाता है और दूषित होता है। चलती ट्रेनों में पैंट्री साफ-सुथरी होनी चाहिए, मगर आम तौर पर होती नहीं। देश के 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों की जांच के बाद ये नतीजा कैग ने निकाला है।
संसद में पेश कैग की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि खाना कई जगहों पर खराब मिला। खाना आदमी के खाने लायक नहीं है, खाने का सामान भी दूषित मिला, कहीं-कहीं एक्सपायरी के बाद का सामान मिला, यही नहीं, नलके के गंदे पानी का खाना पकाने में इस्तेमाल हुआ, मक्खी और धूल से बचाने के लिए खाना ढंका हुआ भी नहीं मिला और ट्रेनों में तिलचट्टे और चूहे मिले।