केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर तथा वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
कोचर दंपति को जांच एजेंसी ने शुक्रवार रात संक्षिप्त पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। धूत (71) को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया था। तीनों को विशेष अदालत के न्यायाधीश ए एस सैयद के समक्ष पेश किया गया।
एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं।
सीबीआई की तरफ से पेश विशेष लोक अभियोजक ए लिमोसिन ने सभी आरोपियों का आमना-सामना कराने के लिए तीन दिन की हिरासत का अनुरोध किया।
सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में बैंक द्वारा समूह को मंजूर किए गए कर्ज में कथित धोखाधड़ी और अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार किया था
सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था।
ऐसा आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया।।