Advertisement

लोकसभा में एसपीजी बिल पास, शाह बोले- गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं बदली गई है

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और वायनाड से सांसद राहुल गांधी को दी गई विशेष सुरक्षा समूह...
लोकसभा में एसपीजी बिल पास, शाह बोले- गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं बदली गई है

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और वायनाड से सांसद राहुल गांधी को दी गई विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) हटाए जाने को लेकर सियासी घमासान के बीच आज गृह मंत्रालय अमित शाह ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। एसपीजी (संशोधन) बिल, 2019 को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। अमित शाह ने नए प्रावाधानों को बताते हुए कहा कि संशोधन विधेयक के मुताबिक एसपीजी सुरक्षा प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को ही दी जाएगी। एसपीजी (संशोधन) बिल, 2019 पर बहस के दौरान कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट किया है।

लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही है कि एसपीजी एक्ट को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है। ये वास्तविकता नहीं है। ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है। मैं बताना चाहता हूं कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि सुरक्षा बदली गई है। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है।

संशोधन के बाद, इस अधिनियम के तहत, एसपीजी कवर केवल पीएम और उनके परिवार के सदस्यों को दिया जाएगा जो पीएम के निवास पर उनके साथ आधिकारिक तौर पर रहते हैं। वहीं, 5 साल की अवधि के लिए सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले एक पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को भी एसपीजी कवर दिया जाएगा। इस पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कोई अब प्रधानमंत्री नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि उसके खतरे भी कम हो गए हैं।

'एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था' 

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाने का मकसद एसपीजी और प्रभावी बनाना और कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है। विशेष सुरक्षा समूह एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखते हुए शाह ने कहा कि एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था और दुनिया के कई देशों में उनके शासनाध्यक्षों की सुरक्षा के मकसद से ऐसे ही विशिष्ट सुरक्षा इकाई बनाई गई हैं। गृह मंत्री ने कहा कि इसका मकसद कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है। अतीत में सरकारों ने कई बार कानून में संशोधन किया।

मनमोहन सिंह की भी सुरक्षा हटाई गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला

गृहमंत्री ने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी सुरक्षा हटाई गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला। चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की? आईबी के निदेशक मनमोहन सिंह जी और उनके परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलने गए और उन्हें आश्वासन दिया कि सुरक्षा समीक्षा के बाद, SPG की कोई आवश्यकता नहीं है। मनमोहन जी ने खुद उनसे कहा कि आप वही करिए जो सही लगता है। 2015 के बाद राहुल गांधी ने एसपीजी को बताए बिना भारत के अंदर 1892 बार और विदेशों में बिना एसपीजी को बताए करीब 247 बार यात्राएं की हैं।

'यह आदर्श रूप से प्रधानमंत्री के लिए होना चाहिए'

गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के इस कवर के लिए 'स्पेशल' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह आदर्श रूप से प्रधानमंत्री के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शारीरिक सुरक्षा नहीं है। बल्कि उनके विभाग, स्वास्थ्य और अन्य लोगों के बीच संचार को भी सुरक्षा देना होता है। 

पिछली सरकारों ने कमजोर किया कानून

गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने समय-समय पर एसपीजी कानून में बदलाव कर उसे 'कमजोर' बनाने का ही काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके तहत वर्तमान पीएम या उनके परिजनों के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को ही पांच सालों तक एसपीजी कवर मिल सकेगा।

गृह मंत्री बोले कि संविधान के अनुसार हेड ऑफ गवर्नमेंट प्रधानमंत्री ही हैं, उनके कार्यालय को सुरक्षित करने के लिए एसपीजी बनी है। हमारे देश में जो दो पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या हुई है जो देश के लिए बड़ी क्षति है, जिसके बाद इस कानून को बनाया गया। अब हमारी सरकार इसमें संशोधन कर रही है, जिसके तहत पीएम को ये सुरक्षा मिलेगी। पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को ये सुविधा पांच साल के लिए करेगी।

गांधी परिवार से वापस से ली गई एसपीजी सुरक्षा 

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से एसपीजी नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसके कारण गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिसके बाद इस मामले पर कांग्रेस की ओर से जबरदस्त हंगामा किया गया था। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को अभी तक एसपीजी सुरक्षा मिलती थी लेकिन अब इनकी सुरक्षा सीआरपीएफ के हाथ में चली गई है।

मनीष तिवारी ने उठाए सवाल

इस बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि आज हम बहुत ही संवेदनशील बिल पर बात करने के लिए इकट्ठा हुए हैं जो पीएम की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। मेरा कहना है कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब ऐसे नकारात्मक कदम उठाए गए हैं बहुत बड़ा खामियाजा इस देश को भुगतना पड़ा है।

मनीष तिवारी बोले कि सरकार किसी व्यक्ति को सुरक्षा क्यों प्रदान करती है। पुलिस व्यवस्था की गई आवाम की सुरक्षा के लिए। फिर सरकार इंगित करती है कि कुछ लोग ऐसे हैं जिनको सरकार की तरफ से सुरक्षा देने की जरूरत है। थ्रेट असेसटमेंट के हिसाब से विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षा प्रदान की जाती है। ये जो थ्रेट असेसमेंट है क्या यह परफेक्ट साइंस है।

कांग्रेस का सवाल- जून से नवंबर के बीच एसपीजी सुरक्षा में क्या बदलाव किया गया

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- यह बहुदलीय लोकतंत्र है और ऐसे मुद्दों को पार्टीगत पक्षपात से दूर रखना चाहिए। केवल इसलिए कि कोई अब प्रधानमंत्री नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसको होने वाले खतरे भी कम हो गए हैं। एसपीजी सुरक्षावालों को जून में बताया गया था कि उनको खतरा बढ़ रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि जून से नवंबर के बीच एसपीजी सुरक्षा में क्या बदलाव किया गया, वह भी कानून में संशोधन के बगैर।

आखिर कैसे पता चलेगा कि 5 साल बाद प्रधानमंत्री को जान का खतरा नहीं 

 

कांग्रेस की तरफ से इस बिल का विरोध करते हुए मनीष तिवारी ने कहा है कि एक निश्चित प्रकिया के तहत खतरे का आंकलन किया जाता है। उसके आधार पर निर्णय किया जाता है कि सुरक्षा हटानी है या फि नहीं ? वह कहते हैं कि यह समझ से परे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्रियों को केवल 5 साल तक ही सुरक्षा दी जाएगी। वह कहते हैं कि आखिर कैसे पता चलेगा कि 5 साल बाद प्रधानमंत्री को जान का खतरा नहीं है।

 

गांधी परिवार का उठाया मुद्दा

 

वह महात्मा गांधी, अब्राहम लिंकन, बेअंत सिंह और इंदिरा गांधी की हत्या का उदाहरण (example) दिया था। वह कहते हैं कि आखिर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह को लेकर कौन सा खतरा कम हो गया था जो उनकी सुरक्षा हटायी गई। वह कहते हैं कि यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए

 जानिए एसपीजी कानून में क्या हुआ बदलाव 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सदन में कहा कि 1991-94 में इसमें संशोधन हुआ, उसके बाद भी कई बार संशोधन हुआ। गृह मंत्री बोले कि संशोधन होने के बाद जो एक्ट बनेगा, उसके बाद प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के लिए उपलब्ध होगा, जो प्रधानमंत्री आवास पर रहते हैं, उन्हें ये मिलेगा। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि के लिए एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।

पुराने कानून में क्या था

पुराने कानून में कहा गया है कि अगर किसी पूर्व प्रधानमंत्री से एसपीजी सिक्यॉरिटी वापस ली गई तो उनके पारिवरिक सदस्यों के साथ भी एसपीजी नहीं रहेगी। बशर्ते पारिवारिक सदस्यों को उस स्तर का खतरा नहीं हो जिसके लिए एसपीजी सिक्यॉरिटी जरूरी हो।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad