जज बी एच लोया की मौत के मामले में विपक्षी दलों के नेता आज शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे और एसआईटी से जांच कराने की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुआई में इससे संबंधित ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा।
114 MPs from 15 parties signed memorandum. His (Judge BH Loya) death is suspicious, there have been 2 other suspicious deaths. President gave positive response: Rahul Gandhi after opposition delegation met President over #JudgeLoya death case pic.twitter.com/ljy3rHJVS2
— ANI (@ANI) February 9, 2018
ज्ञापन पर 15 दलों के 114 सांसदों ने हस्ताक्षर कि हैं। उनका कहना है कि मामले में दो संदिग्ध मौत हुई हैं जिनकी स्वतंत्र इकाई से जांच कराई जाए। राष्ट्रपति ने विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को जांच का भरोसा दिया है।
जज लोया की की मौत को लेकर न सिर्फ राजनीतिक दलों के नेता बल्कि खुद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों में भी नाराजगी देखने को मिली है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में प्रेस कांफ्रेंस करके मुख्य न्यायाधीश की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए थे। तमाम राजनीतिक दल जज लोया की मौत को लेकर लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं। इससे पहले जज लोया के परिवार ने भी मौत को लेकर सवाल खड़ा किया था। जज लोया की वर्ष 2014 में अपने मित्र की बेटी की शादी से लौटते वक्त कथित रूप से हार्ट अटैक की वजह से मृत्यु हो गई थी। लेकिन यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब एक मैग्जीन ने उनकी मौत पर कई सवाल खड़ा करते हुए उसे संदिग्ध बताया था।
मालूम हो कि जज लोया भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ सोहराबुद्दीन के फर्जी एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिसकी चलते उनकी मौत पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पूरी घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।