मद्रास हाईकोर्ट ने चीन के ऐप टिकटॉक पर लगा बैन हटा लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिए थे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट से कहा था कि अपने रोक के अंतरिम आदेश पर विचार कर फैसला दें, नहीं तो ऐप पर लगा बैन हटा दिया जाएगा।
कंपनी को हो रहा था भारी नुकसान
टिकटॉक पर भारत में बैन की वजह से इसकी पैरेंट कंपनी बाइटडांस को रोज 5 लाख डॉलर (3.50 करोड़ रुपए) का नुकसान हो रहा था। इससे 250 नौकरियां भी खतरे में थीं। रायटर्स के मुताबिक, कंपनी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी। उसने अपील की है कि टिकटॉक से बैन हटाया जाए।
हाईकोर्ट ने टिकटॉक के डाउनलोड पर लगाई थी रोक
मद्रास हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को आदेश पारित कर सरकार को देश में टिकटॉक के डाउनलोड पर रोक लगाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट का तर्क था कि टिकटॉक ऐप से पोर्नोग्राफी को बढ़ावा मिलता है। भारत में खूब पसंद किए जा रहे टिकटॉक के जरिए 15 सेकेंड तक के वीडियो बना कर शेयर किए जा सकते हैं।
थर्ड पार्टी कंटेट की जिम्मेदारी हमारी नहीं- कंपनी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, टिकटॉक ने हाईकोर्ट के आदेश को अपमानजनक, भेदभावपूर्ण और मनमाना बताया था। उसने कहा था कि थर्ड पार्टी द्वारा अपलोड किए गए कंटेट के लिए उसे जिम्मेदार ठहराना गलत है। कंपनी ने जुलाई 2018 से अब तक 60 लाख से ज्यादा ऐसे वीडियो अपने प्लेटफॉर्म से हटाए हैं, जो कंपनी की गाइडलाइन्स का पालन नहीं करते।
एक महीने में करोड़ों रुपए कमाता है ऐप
टिकटॉक वैसे तौ फ्री ऐप है, लेकिन इसमें कई इन-ऐप परचेज किए जाते हैं, जैसे कि इमोजी और डिजिटल गिफ्ट्स। अक्टूबर, 2018 में इस ऐप पर एक महीने में 35 लाख डॉलर (24 करोड़ रुपए) की कमाई हो रही थी। अक्टूबर, 2017 के मुकाबले इस कमाई में 275 फीसदी का इजाफा हुआ है।