लखनऊ। योगी सरकार की अपराधियों के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस नीति और कोर्ट में प्रभावी पैरवी से एक बार फिर शुक्रवार को माफिया मुख्तार अंसारी को एक बड़ा झटका लगा। गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के एक और मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले भी एक अन्य गैंगस्टर के मामले में मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। मालूम हो कि इससे पहले अवधेश राय की हत्या में भी माफिया मुख्तार अंसारी को सबसे बड़ी सजा उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक कुल छह मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
17 अक्टूबर को बहस हुई थी पूरी, 26 को दिया गया था दोषी करार:
गाजीपुर के करंडा थाने में दर्ज केस में शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया। मुख्तार के अलावा सोनू यादव को भी सजा सुनाई गई है। उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा और दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्तार को बांदा जेल से पेश किया गया। 2009 में करंडा क्षेत्र के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और मुहम्मदाबाद के अमीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले को आधार बनाकर मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। एमपी/एमएलए कोर्ट में गत 17 अक्तूबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी। गुरुवार को दोनों को दोषी करार दिया गया था।
605 करोड़ से अधिक की संपत्ति की गई जब्त:
अंतरराज्यीय गिरोह चलाने वाले मुख्तार अंसारी पर कुल 65 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं माफिया मुख्तार के 288 सदस्य/सहयोगियों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ अब तक 156 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। साथ ही माफिया से संबंधित 175 लाइसेन्सी शस्त्र धारकों के खिलाफ कार्यवाही की गयी है। इसके अलावा गैंग से संबंधित 5 माफिया/सहअपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये। माफिया मुख्तार के गैंग से संबंधित 164 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगेस्टर अधिनियम तथा 6 अभियुक्तों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्यवाही करते हुए लगभग 605 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति का जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण कराया गया है। अभियुक्त के 215 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अवैध व्यवसाय (ठेका/टेण्डर/फर्म) भी बन्द कराये गये हैं।
स्व. कृष्णानंद राय के भतीजे आनन्द राय ने कहा कि मुख्तार को पिछले एक साल में जितने भी मामलों में सजा सुनाई गई है, इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। योगी सरकार के कार्यकाल में ऐसे जघन्य अपराधियों का हश्र ऐसे ही होना चाहिये।