मैगी ब्रांड के तहत नूडल बेचने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया ने कहा है कि उसके नूडल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के नवीनतम मानकों के अनुरुप है और इसमें कोई राख नहीं मिलाई गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जिला प्रशासन ने कंपनी और इसके वितरकों पर जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना कंपनी के मैगी नूडल के नमूने एक प्रयोगशाला परीक्षण में कथित तौर पर असफल होने के बाद लगाया गया। इसकी वजह इसमें राख जैसे तत्व का मानव उपभोग के लिए अनुमति प्राप्त सीमा से अधिक पाया जाना रही।
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुरेश नारायण ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘नेस्ले की ओर से यह स्पष्ट किया जाता है कि मैगी नूडल बनाने की प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की राख नहीं मिलाई जाती है।’’ भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में नारायण ने कहा कि कंपनी को जिला प्रशासन का आदेश मिल गया है और इसका अध्ययन करने के बाद भविष्य की कार्रवाई पर निर्णय किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एफएसएसएआई के इस साल अगस्त-सितंबर में जारी किए गए नवीनतम दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करते हैं।’’ सीआईआई ने इस पर और कोई बात कहने से इनकार कर दिया क्योंकि यह मामला अदालत में विचाराधीन है।
इससे पहले जून 2015 में नेस्ले ने बाजार से मैगी नूडल को वापस ले लिया था और इसे नवंबर में दोबारा बाजार में उतारा था। इसकी वजह लेड की कथित अधिक मात्रा नूडल में पाए जाने से एफएसएसएआई का इस पर प्रतिबंध लगाना था।