महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार 2014 में विशेष सीबीआई जज बी एच लोया की संदिग्ध हालात में मौत की जांच पर विचार कर सकती है। लोया गुजरात के हाई-प्रोफाइल सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई थी। वे वहां अपने एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए गए थे।
पर्याप्त सबूत मिलने पर फिर खुलेगा मामला
देशमुख ने कहा कि इस मामले को फिर से खोलने की मांग को लेकर कुछ लोग मुझसे मिले हैं। यदि राज्य सरकार को पर्याप्त सबूतों के साथ शिकायत मिलती है तो उनकी सरकार लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की जांच पर विचार करेगी। देशमुख से जब पूछा गया कि क्या लोया के परिवार वाले फिर से जांच के लिए मिले थे तो उनका कहना था कि वे उन लोगों की पहचान उजागर करना नहीं चाहते हैं।
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर की कर रहे थे सुनवाई
अगर महाराष्ट्र सरकार फिर से यह केस खोलती है तो यह भारतीय जनता पार्टी के लिए झटका हो सकता है क्योंकि तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 1 दिसंबर 2014 को लोया की मृत्यु ‘प्राकृतिक कारणों’ से हुई थी। शीर्ष अदालत ने मामले की एसआईटी जांच की मांग को खारिज कर दिया था। लोया की मौत पर हंगामा इसलिए भी हुआ था कि वे गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख की मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे और यह मसला तब अमित शाह से जुड़ा हुआ था।