प्रदेश सरकार ने इस हादसे में गम्भीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपए और मामूली रूप से जख्मी मुसाफिरों को 25-25 हजार रुपए की मदद का एलान किया है। रेलवे ने गंभीर रूप से जख्मी हुए लोगों को 50,000 रूपये और मामूली रूप से जख्मी हुए लोगों को 25,000 रूपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पिछली कई संदिग्ध रेल दुर्घटनाओं के मद्देनजर महोबा रेल दुर्घटना की वजह पता लगाने के लिए कहा। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा, इस दुर्घटना की व्यापक छानबीन रेल मंत्रालय अपने स्तर से कराएगा लेकिन प्रदेश में पिछली कई संदिग्ध रेल दुर्घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव :गृह: एवं पुलिस महानिदेशक को दुर्घटना के कारणों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।
महोबा-कुलपहाड़ रेलवे स्टेशन के बीच रात दो बजे के लगभग हादसा हुआ। ट्रेन जबलपुर से निजामुद्दीन जा रही थी। हालांकि हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार काफी कम थी, इस वजह से किसी को गंभीर चोटें नहीं आई हैं।
इस रेल हादसे के बाद बांदा-झांसी रेल लाइन बंद हो गई है और झांसी से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गई है। इसके अलावा आधा दर्जन ट्रेनों का रूट बदल कर अब उन्हें कानपुर के रास्ते बांदा लाया जा रहा है।
इन ट्रेनों में बनारस से ग्वालियर जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस, मानिकपुर से दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्टेशन जाने वाली यूपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, ग्वालियर से हावड़ा जाने वाली हावड़ा एक्सप्रेस शामिल हैं, जिन्हें कानपुर के रास्ते बांदा और दिल्ली भेजा जा रहा है। इसके अलावा बांदा-झांसी पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।
दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों में 4 AC (A-1, B-1, B-2, B-extra), 1 स्लीपर (एस-8), 2 सामान्य यात्री कोच और एक एसएलआर है। दुर्घटना में कुछ यात्री मामूली रूप से घायल हुए हैं। हालांकि किसी के गंभीर घायल होने या मौत की खबर नहीं है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
महोबा के डीएम के अलावा डीआरएम झांसी और जीएम एमसी चौहान भी घटनास्थल पहुंच चुके हैं। घायलों के उपचार के लिए झांसी और महोबा से दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन भी भेजी गई।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2016 में कानपुर के निकट रूरा में अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर चुके हैं। इस दुर्घटना में 60 से अधिक लोग घायल हो गये थे। इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे भी 2016 में ही कानपुर के निकट पुखरायां में पटरी से उतर चुके हैं। इस हादसे में 150 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी थी और 200 अन्य घायल हो गये थे।