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गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल के बाद महाराष्ट्र की नहीं दिखेगी झांकी, शिवसेना ने पूछा- क्या है साजिश

इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी भी देखने को नहीं मिलेगी।...
गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल के बाद महाराष्ट्र की नहीं दिखेगी झांकी, शिवसेना ने पूछा- क्या है साजिश

इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल के बाद अब महाराष्ट्र की झांकी भी देखने को नहीं मिलेगी। माना जा रहा है कि केंद्र और राज्य के बीच टकराव के चलते परेड के लिए महाराष्ट्र की प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया गया। इसी तरह पश्चिम बंगाल सरकार की झांकी को खारिज किया गया क्योंकि दोनों ही राज्यों में गैर-भाजपा सरकारें हैं। दोनों राज्यों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और और अन्य हालिया मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया है। इसे लेकर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर हमला बोला है तथा इसे महाराष्ट्र का अपमान बताया है। वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र अवध ने इसे संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है।

शिवसेना सांसद ने कहा कि आखिर "इसके पीछे क्या साजिश है?" और इस मुद्दे पर राज्य भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा, "अगर कांग्रेस केंद्र में होती, और ऐसा कुछ होता, तो क्या राज्य भाजपा इस पर चुप रहती?"

एनसीपी ने कहा- यह दोनों राज्यों का अपमान

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने झांकी खारिज किए जाने को महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों का "अपमान" बताया है। एनसीपी सुप्रीमो की बेटी सुले ने कहा, "गणतंत्र दिवस पूरे भारत में मनाया जाता है और सभी राज्यों को परेड में भाग लेना चाहिए। लेकिन भाजपा (भाजपा) सरकार गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही है।" उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों ने देश की आजादी के संघर्ष में अहम भूमिका निभाई है और यह कार्रवाई निंदनीय है।

राजनैतिक बदलने की भावना से लिया फैसलाः कांग्रेस

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय दत्त ने कहा कि केंद्र का फैसला "दोनों राज्यों के लोगों और शहीदों का अपमान है, क्योंकि दोनों राज्यों की स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।" उन्होंने कहा, "दोनों राज्यों की झांकी को खारिज किया जाना गैर-भाजपा विपक्षी सरकारों के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना को दिखाता है। क्या विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के साथ किए गए इस घृणित अन्याय के लिए बोलेंगे।

संघीय ढांचे के साथ आघातः कैबिनेट मंत्री

महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री जितेंद्र अवध ने कहा कि यह देश के संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा, "पिछले 70 वर्षों से, महाराष्ट्र की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित किया गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, संत तुकाराम और सामाजिक संदेश फैलाने जैसे विषयों को लेकर हमें कई बार विजेता भी घोषित किया गया है।

बता दें कि गणतंत्र दिवस परेड में कई झांकियां निकलती हैं, जिनमें राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय मंत्रालयों की उपस्थिति होती है। इस साल होने वाली परेड में कुल 22 झांकियां दिखाई जाएंगी। इसमें 16 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश की और 6 केंद्रीय मंत्रालयों की तरफ से होंगी। रक्षा मंत्रालय के पास परेड के लिए कुल 56 झांकियों का प्रपोजल आया था।

इस तरह किया जाता है शॉर्टलिस्ट

विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्राप्त झांकी प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति की बैठकों की एक श्रृंखला में किया जाता है जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, नृत्यकला और अन्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं। पैनल अपनी सिफारिशों को बनाने से पहले थीम, अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव के आधार पर प्रस्तावों की जांच करता है। चयन प्रक्रिया में सर्वश्रेष्ठ झांकी को परेड का हिस्सा बनाया जाता है।

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