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केरल नन रेप मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने शुरू की बेमियादी हड़ताल

महिला कांग्रेस की राज्य महासचिव एम हरिप्रिया ने केरल के नन से बलात्कार के आरोपी जालंधर के बिशप...
केरल नन रेप मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने शुरू की बेमियादी हड़ताल

महिला कांग्रेस की राज्य महासचिव एम हरिप्रिया ने केरल के नन से बलात्कार के आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कोच्चि में बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है।

इससे पहले केरल में नन के साथ बलात्कार के आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोशल कार्यकर्ता स्टीफन मैथ्यूज भूख हड़ताल पर बैठे थे। लेकिन बीते रविवार को भूख हड़ताल के 9वें दिन स्टीफन मैथ्यूज की तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करया गया।

12 सितंबर को केरल पुलिस ने नन से बलात्कार के मामले में आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 19 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया है। केरल के आईजी विजय साखरे ने इस बात की जानकारी दी थी।

जांच पूरी होने तक छोड़ा पद

रेप मामले के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने जांच पूरी होने तक अपना पद छोड़ दिया था और यह  ये जिम्मेदीरी डिप्टी बिशप को सौंप दे दी। बिशप ने डिप्टी बिशप को पदभार सौंपने से पहले कहा था कि मैं सब कुछ भगवान के ऊपर छोड़ कर जा रहा हूं। जब तक मेरे खिलाफ की जा रही जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक मैथ्यू कोक्कणम प्रांत के बिशप होंगे। इससे पहले बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उन्हें फंसाया जा रहा है।

भाई ने प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

केरल में मिशनरीज ऑफ जीसस ने एक पत्र और बलात्कार पीड़िता नन की तस्वीर जारी की थी। इसके बाद पीड़िता के भाई ने पक्ष रखते हुए कहा था कि मैं इसकी निंदा करता हूं। यह बहुत शर्मनाक है, मानसिकता वाले लोग अदालत के निर्देश को नहीं जानते हैं। यह बहुत दुख की बात है कि मेरी बहन को प्रताड़ित करना चाहते हैं।

वेटिकन से की थी हस्तक्षेप की मांग

नन ने हाल ही में इंसाफ के लिए वेटिकन (ईसाइयों की सर्वोच्च संस्था) से फौरन हस्तक्षेप करने की मांग की थी। पीड़ित नन ने भारत में वेटिकन के प्रतिनिधि जियामबटिस्टा दिक्वात्रो को एक पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और बिशप फ्रैंको को पद से हटाने की गुहार लगाई थी। उन्होंने फ्रैंको को हटाने की मांग करते हुए कहा था कि चर्च सच्चाई के प्रति आंखें क्यों मूंदे हुए है जबकि उन्होंने अपनी पीड़ा सार्वजनिक करने का साहस दिखाया है। 8 सितंबर को लिखे गए सात पेजों के पत्र में नन ने कहा था कि चर्च की चुप्पी मुझे अपमानित महसूस करा रही है।

 

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