राफेल लड़ाकू विमान का इंजन बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी ने बुधवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा, 'हम पूरी तरह यह तय करना चाहते हैं कि भारत का सीमा शुल्क सिस्टम हमें आतंकित ना करे और हमें वहां एक आकर्षक कारोबारी माहौल मुहैया कराया जाए। कंपनी ने इस दौरान 150 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा भी की। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कंपनी को आश्वासन देते हुए कहा कि भारत 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निवेश के लिए 'अनुकूल माहौल' देने के लिए प्रतिबद्ध है।
कंपनी के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने कहा, 'विमानन के लिए भारत तीसरा सबसे बड़ा व्यावसायिक बाजार बनने के लिए तैयार है और भारत में हम अपने ग्राहकों की सेवा के लिए मजबूत मरम्मत और रखरखाव का बेस बनाने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन हम यह तय करना चाहते हैं कि भारतीय टैक्स सिस्टम हमें आतंकित नहीं करें।'
दिया 'अनुकूल माहौल' का वादा
भारत द्वारा अधिग्रहित राफेल जेट विमानों में लगे एम 88 इंजन की फ्रांसीसी बहुराष्ट्रीय निर्माता कंपनी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इसमें दी गई सुविधाओं के बारे में बताया और कंपनी की असेंबली साइट का मुआयना कराया। रक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि भारत 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निवेश के लिए 'अनुकूल माहौल' देने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनाथ ने कंपनी को अगले साल फरवरी में लखनऊ में आयोजिक डिफेंस-एक्सपो में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया, जिसे कंपनी ने स्वीकार कर लिया। कंपनी की पेरिस के पास विलारोचे में नागरिक और सेना के विमानों के लिए असेंबलिंग होती है और इंजन डिजाइन किए जाते हैं।
कंपनी भारत में बनाना चाहती है बेस
कंपनी में पहले से ही 15 मिलियन डॉलर खर्च किए गए हैं, जहां वह सालाना 500 इंजीनियरों को प्रशिक्षण देती है और अब भारत में रखरखाव, मरम्मत और सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार से सहायता की मांग कर रही है। कंपनी की 500 इंजीनियर और कुशल तकनीशियन प्रशिक्षित करने की योजना है।
एंड्रीस ने कहा, 'हमारा भारत के साथ एक लंबा जुड़ाव है और सभी भारतीय एयरलाइंस हमारी ग्राहक हैं। हम उम्मीद और आशा करते हैं कि हमारी विस्तार योजनाओं पर सकारात्मक पहल होगी। हम भारत में एक पारिस्थितिकी तंत्र को साझा करने के इच्छुक हैं।'
इस बीच, राजनाथ सिंह ने असेंबली लाइन का मुआयना किया, जहां भारत के लिए 36 विमानो के एम 88 इंजन फिट किए जाएंगे। बता दें कि भारत ने एक सौदे के तहत फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का आर्डर दिया था।