Advertisement

मालेगांव विस्फोट: एक और गवाह मुकरा, कहा- एटीएस ने उसे आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया

वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आज गुरुवार को कोर्ट में एक और गवाह मुकर गया। मामले में 17वें गवाह...
मालेगांव विस्फोट: एक और गवाह मुकरा, कहा- एटीएस ने उसे आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया

वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आज गुरुवार को कोर्ट में एक और गवाह मुकर गया। मामले में 17वें गवाह ने निचली अदालत को बताया कि महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने जांच के दौरान उसे प्रताड़ित किया और उसे आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश पी आर सित्रे ने गवाह को होस्टाइल घोषित कर दिया। गवाह ने कोर्ट को बताया कि एटीएस ने उसका अपहरण किया और गैर कानूनी रूप से तीन-चार दिन हिरासत में रखा। उसने बताया कि विस्फोट मामले में आरएसएस के नेताओं का नाम लेने के लिए उसे मजबूर किया गया था।

मामले में अब तक 222 अभियोजन पक्ष के गवाहों से पूछताछ की गई, जिनमें से 17 मुकर गए हैं। दवाह ने गुरुवार को अदालत को बताया कि एटीएस, जिसने शुरुआत में मामले की जांच की थी, ने उसे कई बार हिरासत में लिया और उसे प्रताड़ित किया गया। उसने आरोप लगाया कि एटीएस अधिकारियों ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया।

गवाह ने कहा कि वह आरएसएस का सदस्य नहीं था और न ही वह आरएसएस के किसी पदाधिकारी का नाम जानता था। इससे पहले, अभियोजन पक्ष के एक अन्य गवाह ने अदालत को बताया था कि एटीएस ने उन्हें योगी आदित्यनाथ (अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री) और आरएसएस के चार नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया।

29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधा एक विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। मामले के आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल हैं। ये सभी जमानत पर बाहर हैं।

विस्फोट मामले में अभी तक 220 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को मालेगांव विस्फोट मामले की जांच के लिए एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में तैनात किया गया था। सिंह अभी जबरन वसूली सहित कई मामलों का सामना कर रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad