गौरतलब है कि NCERT ने कोर्स में बदलाव के संबंध में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास से सुझाव मांगे थे। इस पर आरएसएस जुड़े न्यास ने अपने सुझाव देते हुए क्रांतिकारी कवि पाश, मिर्जा गालिब के शेर, रविन्द्रनाथ टैगोर के वैचारिक लेख, चित्रकार मकबूल फिदा की आत्मकथा के अंश, मुगल बादशाहों की दया से जुड़े किस्से, भाजपा को हिंदू पार्टी बताना, NC को सेकुलर बताना, सिख दंगों पर मनमोहन सिंह की माफी और 2002 के गुजरात दंगों में दो हजार लोग मारे गए थे, जैसे वाक्य हटाने के लिए कहा। न्यास प्रमुख दीनानाथ बत्रा ने NCERT को पांच पन्नों में अपने सुझाव भेजे हैं।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा NCERT को भेजे गए सुझावों को बकवास बताया है। सीएम ममता ने कहा कि कोई भी स्कूल पाठ्य पुस्तकों में से टैगोर को हटाने के बारे में कैसे सोच सकता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक बकवास है।
<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">How can one even think of removing Tagore from school text books. This is just rubbish: WB CM Mamata Banerjee on <a href="https://twitter.com/hashtag/DinanathBatra?src=hash">#DinanathBatra</a> <a href="https://t.co/USuI3Wow73">pic.twitter.com/USuI3Wow73</a></p>— ANI (@ANI_news) <a href="https://twitter.com/ANI_news/status/889756129881866240">July 25, 2017</a></blockquote>
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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यास के सचिव अतुल कोठारी ने बताया कि इस किताब में कई बातें आधारहीन हैं। यह कमेटी के सदस्यों का अपमान है। उन्होंने कहा कि आप कैसे बच्चों को गलत लोगों को प्रेरणास्त्रोत बताकर भ्रमित कर सकते हैं। जबकि शिवाजी, महाराणा प्रताप, विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरूषों के बारे में बच्चों को जानकारी ही नहीं है।
कोठारी ने कहा कि हमने अपने सुझाव भेजे हैं, हमें पूरी उम्मीद है कि इन सुझावों पर ध्यान दिया जाएगा और जरूरी परिवर्तन किए जाएंगे।