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गंदगी की वजह से मथुरा कैंट बोर्ड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में छावनी परिषद क्षेत्र में ठोस कचरे का सही तरह से निस्तारण नहीं करने के एक मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं मथुरा छावनी परिषद के विरुद्ध क्रमशः पांच लाख और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
गंदगी की वजह से मथुरा कैंट बोर्ड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना

दोनों ही संस्थाओं को पर्यावरणीय प्रदूषण से निपटने के मुआवजे के रूप में यह रकम दो सप्ताह में जमा करनी है। यह राशि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड चार सप्ताह में पर्यावरण सुधार के लिए अधिकरण के निर्देशानुसार  अन्य कार्यों पर खर्च करेगा।

अधिकरण ने छावनी परिषद को निर्देश दिया कि तीन माह के भीतर कचरा निस्तारण स्थल के चारों तरफ हरित पीठ  विकसित की जाए। कचरा निस्तारण स्थल को ऐसी चारदीवारी से घेरा जाए जिससे कचरा किसी भी स्थिति में यमुना नदी में न जाए तथा टेंचिंग ग्राउण्ड को तारों से फेंसिंग कर किसी भी पशु को वहां पहुंचने से रोका जाए।

 यह जानकारी याची के अधिवक्ता ने दी। इस संबंध में याचिका करीब डेढ़ वर्ष पहले दायर की गई थी। याचिका में प्रमुख रूप से यमुना में कचरा डालने के चलते गंदगी से ऑक्सीजन स्तर शून्य हो जाने और कचरे की वजह से उत्पन्न होने वाली बीमारियों का उल्लेख किया गया था। याची तपेश भारद्वाज ने फैसले पर खुशी जाहिर की।

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