केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को पिछले साल रेलवे और सरकारी बैंकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें मिली हैं। यह जानकारी सीवीसी की ताजा रिपोर्ट में दी गई है। सालाना रिपोर्ट के अनुसार 2017 में आयोग को मिलने वाली शिकायतों में 2016 की तुलना में 52 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।
संसद में हाल ही में पेश रिपोर्ट के अनुसार आयोग को 2017 में कुल 23,609 शिकायतें मिलीं जो कि 2011 के बाद सबसे कम है। वर्ष 2016 में आयोग को 49,847 शिकायतें मिली थीं। इसमें कहा गया है, ज्यादातर शिकायतों के आरोप अस्पष्ट या ऐसे पाए गए जिनका सत्यापन नहीं किया जा सके। आयोग को राज्य सरकारों व अन्य संगठनों में काम कर रहे लोकसेवकों के खिलाफ भी अनेक शिकायतें मिलीं, जो कि आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते या प्रशासनिक प्रकृति के हैं।
रिपोर्ट के अऩुसार आयोग को 2015 में भ्रष्टाचार की 29,838 शिकायतें मिलीं। इससे पहले 2012 में यह संख्या 37,039 जबकि 2013 में 31,432 और 2014 में 62,362 रही। 2011 में आयोग को भ्रष्टाचार की 16,929 शिकायतें मिली थीं। सीधे सीवीसी को भेजी गई शिकायतों के अलावा 2017 में 57,000 से ज्यादा शिकायतें कई विभागों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों को भेजी गईं।
शिकायतों का विवरण देते हुए सीवीसी ने कहा कि भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा 12,089 शिकायतें रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ मिलीं। इनमें से 9,575 का निपटारा कर दिया गया है जबकि 2,514 शिकायतें अभी लंबित हैं। इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ कुल 1,037 ऐसी शिकायतें हैं जो छह महीने से ज्यादा समय से लंबित हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली जल बोर्ड, नॉर्थ, ईस्ट और साउथ दिल्ली के निकायों व एनडीएमसी जैसे स्थानीय निकायों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 8,243 शिकायतें मिलीं। विभिन्न बैंको के अधिकारियों के खिलाफ 8,018 शिकायतें मिलीं। दिल्ली सरकार में कार्यरत कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों में इजाफा हुआ है। 2016 के 969 की तुलना में 2017 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 6,819 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिलीं।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के 2,730, पेट्रोलियम मंत्रालय के 2,713 और केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) के 1,194 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिलीं। खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय के 1,662 कर्मचारियों के अलावा बीमा क्षेत्र में काम करने वाले 1,317, श्रम मंत्रालय के 1,313 और दूरसंचार विभाग के 856 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं। कोयला मंत्रालय के 932, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 780, रक्षा मंत्रालय के 682, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के 605, जहाजरानी मंत्रालय के 436 और विदेश मंत्रालय के 228 कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की शिकायत भी सीवीसी के पास पहुंची।