निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वारंट जारी कर दिया। इस पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि हम मेरठ के एक जल्लाद से संपर्क करेंगे। हमारे पास चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने की उचित व्यवस्था है।
सभी चारों दोषियों को अलग-अलग बैरक में रखा गया है। डेथ वारंट मिलने के बाद जेल नंबर तीन में सभी को भेजा जाएगा, जहां उन्हें फांसी दी जाएगी। तिहाड़ जेल में कल फांसी घर का निरीक्षण होगा।
मैं फांसी देने के लिए तैयार हूंः पवन जल्लाद
वहीं, मेरठ के जल्लाद पवन ने कहा कि मैं 4 दोषियों को फांसी देने के लिए तैयार हूं। जेल प्रशासन से किसी ने भी अभी तक मुझसे संपर्क नहीं किया है। यदि मुझे आदेश मिलता है, तो मैं जाऊंगा। निर्भया के माता-पिता को राहत मिलेगी।
कानूनी कदम के लिए 14 दिन
कोर्ट के फैसले के मुताबिक, चारों दोषियों मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। हालांकि चारों दोषियों के पास 14 दिनों का वक्त है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे।
ये है पूरा मामला
बता दें कि ये मामला साल 2012 का है। 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी। 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। 11 मार्च 2013 को एक आरोपी ने जेल में आत्महत्या कर ली। एक नाबालिग आरोपी को 31 अगस्त 2013 को तीन साल की सजा सुनाई गई। 13 सितंबर 2013 को निचली अदालत ने चारो दोषियों को मौत की सजा सुनाई और 13 मार्च 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी। 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने विनय, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिका खारिज की।