गुजरात के दलित नेता तथा नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी ने मंगलवार को हुंकार रैली की। दिल्ली के संसद मार्ग पर हुई रैली में मेवाणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी सरीखे असल मुद्दे केंद्र सरकार ने दबा दिए। घर वापसी, लव जिहाद और गाय जैसे मसलों को जगह दी गई। वे इसके खिलाफ हैं।
मेवाणी की अगुवाई में आयोजित रैली के लिए भारी पुलिस तैनात किया गया था। अफसर अंतिम समय तक अनुमति नहीं मिलने की बात कहते रहे। हालांकि, मेवाणी रैली में भीड़ जुटाने में नाकामयाब रहे। महज दो सौ से तीन सौ लोग ही उनकी इस रैली में हिस्सा लेने पहुंचे थे। रैली के लिए बने मंच पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व और वर्तमान छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। मेवाणी ने कहा कि गुजरात में अल्पेश ठाकुर और हार्दिक के साथ मिल कर भाजपा का घमंड को तोड़ा, उसी के चलते हमें टारगेट किया जा रहा है। हम किसी धर्म के खिलाफ न थे, न होंगे। हम सविंधान को मानते हैं, बाबा साहेब और फूले के विचारों को मानते हैं। आप हम पर हमले कीजिए, फिर भी हम संविधान की बात करेंगे। मेवाणी ने कहा कि मैं पीएम से कहना चाहूंगा कि आपको जवाब देना होगा कि भीमा कोरेगांव हिंसा के लिए गोगोई के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज हुआ, आपको रोहित वेमुला के बारे में जवाब देना होगा, आपको जवाब देना होगा कि भीम आर्मी को क्यों टारगेट किया जा रहा है।
जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि हम हिंसा नहीं चाहते, हम एक शांतिपूर्ण आंदोलन चाहते हैं। हिंसा उनका हथियार है, हमें किसी भी तरह से हिंसक नहीं होना है। हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। हम यहां समानता के लिए आए हैं। आखिर भाजपा क्या चाहती है रावण राज या राम राज्य। उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी नहीं वॉशिंग मशीन है, लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने रैली के लिए मंजूरी नहीं दी इसलिए भीड़ कम है, लेकिन एक नई शुरुआत है। देश में एक नई उम्मीद जगी है, एक झूठी राजनीति के खिलाफ एक ताकत खड़ी हो रही है। उमर खालिद ने रोहित वेमुला और चंद्रशेखर के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वह झोला उठाएंगे और चले जाएंगे, लेकिन वह हमारे सवालों का जवाब दिए बिना नहीं जा सकते।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि यह बहुत गलत हो रहा है कि इंदिरा गांधी के इमरजेंसी के दौरान जिस तरह से पाबंदी लगाई गई, आज देश में उससे भी बुरी हालत है। एक तो सरकार लोगों के जनवादी अधिकारों को इस्तेमाल करने का मौका नहीं देती, वहीं दूसरी तरफ जिग्नेश मेवानी के ऊपर इस तरीके से पाबंदी लगाना और उनकी रैली को रोकना सरकार की दलित विरोधी जो नीतियों को प्रकट कर रही है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष रिचा सिंह ने कहा कि उनको डर है कि छात्र राजनीति सिर्फ कैंपस तक सीमित नहीं है। आपको हमसे डर है तो चंद्रशेखर को रिहा करो, यह लड़ाई मुजफ्फरपुर से नागपुर तक लड़ेंगे। लेफ्ट छात्र नेता शहला राशिद ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनेताओं पर से यूपी सरकार मुकदमे हटा रही है। क्या योगी सरकार में अपने खिलाफ केस रद्द कराने आए हैं।