केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और अन्य वित्तीय संस्थाओं सहित कुछ और क्षेत्रों को कारोबारी गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी है। उन्हें 20 अप्रैल से उन क्षेत्रों में न्यूनतम स्टाफ के साथ लॉकडाउन की अवधि में कामकाज शुरू करने की अनुमति होगी, जहां कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैला है।
इन क्षेत्रों को मिली राहत
मंत्रालय ने अपने आदेश में जल आपूर्ति और स्वच्छता के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों से संबंधित पावर ट्रांसमिशन लाइन और टेलीकॉम ऑप्टिकल फाइबर और केबल बिछाने का काम शुरू करने की अनुमति दी है। मंत्रालय ने वित्तीय क्षेत्र के लिए भी ढील का दायरा बढ़ाया है। अब एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां न्यूनतम स्टाफ के साथ कारोबार कर सकेंगे।
इसी तरह मंत्रालय ने कृषि और बागवानी गतिविधियों में आदिवासियों और अन्य वन आधारित आजीविका पर निर्भर लोगों को छोटी-मोटी वन उपज यानी माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस (एमएफपीएफ) और लकड़ी को छोड़कर अन्य वन उपज यानी नॉन टिंबर फॉरेस्ट प्रोड्यूस (एनटीएफपी) बीनने, काटने और प्रोसेसिंग करने की अनुमति दी है। मंत्रालय ने अपने तीसरे आदेश में 20 अप्रैल से बांस, सुपारी, कोकोआ, मसालों के पौधों की कटाई, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, बिक्री और मार्केटिंग को लॉकडाउन से मक्त किया है।
गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाने के साथ ही 20 अप्रैल से कुछ क्षेत्रों में चुनिंदा गतिविधियों की अनुमति देने की घोषणा की थी। इसके बाद मंत्रालय ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसके बाद लॉकडाउन के प्रतिबंधों से ढील देने के लिए उसने सेक्टरों और गतिविधियों की सूची जारी की है। हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाने जैसे कई उपाय अनिवार्य किए हैं। उसके नियम के अनुसार सार्वजनिक स्थान पर थूकना दंडनीय अपराध होगा।