सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज यानी बुधवार को कहा कि सैन्य बलों का राजनीतिकरण हुआ है, लेकिन सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि जीवंत लोकतंत्र के लिए सेना राजनीति से दूर रहे।
जनरल रावत ने कहा, ‘सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। हाल फिलहाल हम यह देखते रहे हैं कि सेना का राजनीतिरण होता रहा है। मेरा मानना है कि हम बहुत ही धर्मनिरपेक्ष माहौल में काम करते हैं। हमारे यहां बहुत जीवंत लोकतंत्र है जहां सेना को राजनीतिक व्यवस्था से दूर रहना चाहिए।’
‘यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ‘अच्छे पुराने दिनों’ में नियम ये थे कि सैन्य बलों में महिला और राजनीति को लेकर कभी चर्चा नहीं होती थी। बहरहाल, ये विषय धीरे-धीरे विमर्श में आते चले गए और अब इनको नजरअंदाज किया जाना चाहिए।
रावत ने कहा, जब कभी किसी सैन्य प्रतिष्ठान या सैन्यकर्मी से जुड़े मुद्दे में राजनीतिक तत्व आ जाए तो बेहतर है कि इसकी उपेक्षा की जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा बल सबसे अच्छा काम तब करते हैं जब वे देश के राजनीतिक मामलों में नहीं पड़ते।