विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, 'अब्दुल बासित को समन भेजकर उन्हें भारत सरकार की चिंताओं से अवगत कराया गया। हमने उनसे आशा जताई कि पाकिस्तान में हमारे जो राजनयिक हैं, उन्हें बिना रुकावट के काम करने दिया जाएगा।' सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय की सेक्रटरी (वेस्ट) सुजाता मेहता ने बासित को समन भेजा था।
कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बंबावले के इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेकिन कार्यक्रम से ठीक आधे घंटे पहले उन्हें जानकारी दी गई कि इसे रद्द कर दिया गया है। जब कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने वजह बताने से इनकार कर दिया। इस कार्यक्रम का न्योता उन्हें कई हफ्ते पहले ही भेजा गया था और उसी वक्त उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया था। भारतीय अधिकारियों का मानना है कि कश्मीर पर पाकिस्तान के खिलाफ बंबावले के बयान के कारण यह कदम उठाया गया है। बंबावले ने सोमवार को कराची काउंसल ऑन फॉरेन रिलेशन्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा था और कहा था कि जिनके खुद के घर शीशे के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर को भूल जाना चाहिए और द्विपक्षीय व्यापार पर ध्यान देना चाहिए।