गुजरात के विधायक और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी को सोमवार को असम पुलिस ने एक अन्य मामले में फिर गिरफ्तार कर लिया। इससे कुछ देर पहले ही कोकराझार की एक लोकल कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी। उन्हें बीते सप्ताह बुधवार को भाजपा के नेता अरूप कुमार डे की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने बीते साल कांग्रेस को समर्थन का ऑफर दिया था।
असम पुलिस ने जिग्नेश मेवानी को प्रधानमंत्री के खिलाफ ट्वीट करने के मामले में बुधवार को गुजरात से गिरफ्तार किया था। सोमवार को जमानत याचिका सहित मेवानी के मामले में सुनवाई हुई। वहीं, बारपेटा पुलिस ने जिग्नेश मेवानी को उनके ट्वीट से जुड़े मामले में जमानत मिलने के ठीक बाद एक अन्य मामले में फिर से गिरफ्तार किया हे। जिग्नेश मेवाणी के वकील अंगशुमान बोरा ने ये जानकारी दी है।
कोकराझार की एक अदालत ने मेवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए ट्वीट से जुड़े मामले में सोमवार को ही जमानत दी थीय़ कोकराझार प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट भावना काकोटी ने उन्हें कई शर्तों के साथ जमानत दी है। सुनवाई के बाद मेवानी को वापस कोकराझार जेल ले जाया गया और उनके वकीलों ने कहा कि जमानत बॉन्ड से संबंधित औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है लेकिन अब एक दूसरे मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई है।
बता दें कि मेवानी को 19 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर शहर से गिरफ्तार किया गया था.।उनके एक ट्वीट को लेकर कोकराझार थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "गोडसे को भगवान मानते हैं। विधायक को ट्रांजिट रिमांड पर कोकराझार लाया गया था और कोकराझार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 21 अप्रैल को उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। मेवानी पर आपराधिक साजिश के आरोप में सेक्शन 120 बी, सेक्शन 259ए, वैमनस्यता फैलाने के आरोप में धारा 153A, शांति भंग करने के लिए किसी का अपमान करने आरोप में सेक्शन 504 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।