अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई में ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद तीन लोगों को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बाद में रेड्डी और उनके सहयोगियों के.श्रीनीवासुलु और पी कुमार को एक अदालत में पेश किया गया था जहां से उन्हें 28 मार्च तक के लिए जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद कथित रूप से काला धन पैदा करने के एक मामले में सीबीआई भी पहले रेड्डी को गिरफ्तार कर चुकी है और वह सशर्त जमानत पर चल रहे थे।
ईडी ने इस मामले में गत वर्ष दिसंबर माह में दो अन्य लोगों महावीर हिरानी और अशोक जैन को भी गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर रेड्डी एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। नवंबर 2016 में आई-टी विभाग द्वारा रेड्डी और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के बाद यह मामला दर्ज हुआ।
आई.टी विभाग ने नोटबंदी के बाद 142 करोड़ रुपये से अधिक के कथित आय से अधिक संपत्ति मामले का पता लगाया था। इस मामले में उसने 34 करोड़ रुपये की नई मुद्रा भी जब्त की थी।
रेड्डी और दिल्ली स्थित वकील रोहित टंडन की संलिप्तता वाले मामलों की जांच करीब चार एजेंसियां- ईडी, आयकर (आई-टी) विभाग, सीबीआई और दिल्ली पुलिस कर रही है। भाषा