गुजरात के मोरबी में केबल तारों से बने ब्रिज के ढहने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की पहली सुनवाई आगामी 14 नवंबर को तय की’ है। हादसे की बात की जाए तो इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 135 पहुंच गई है। आज मोरबी अस्पताल में एक और मरीज ने दम तोड़ा। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी आज अस्पताल का दौरा कर घायलों से मिल सकते हैं। इस हादसे पर देश-विदेश के नेताओं ने दुख जताया है। इससे पहले उन्होंने कल अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की थी।
बता दें कि मोरबी पुल हादसे में मृतकों के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राज्यव्यापी शोक मनाने का निर्णय लिया गया है। राज्य में सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई समारोह या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। जिसमें अधिवक्ता ने राज्य सरकारों को पर्यावरणीय व्यवहार्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुराने और जोखिम भरे स्मारकों और पुलों के सर्वेक्षण और जोखिम मूल्यांकन के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में राज्यों में स्थायी आपदा जांच दल को इस तरह की त्रासदियों में तुरंत शामिल होने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख आगामी 14 नवंबर तय की है।
नईम शेख ने बताई आंखों देखी
मोरबी के सिविल अस्पताल में भर्ती नईम शेख ने आंखों देखी बयां की है। उन्होंने बताया, हम छह लोग पुल पर गए थे। उसमें से पांच ही वापस आ सके। एक की मौत हो गई। उन्होंने बताया, मैं तैरना जानता था इसलिए बच गया। इसके बाद मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ लोगों को बचाने में मदद की।