मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि रविवार को हुई ओलावृष्टि में 15,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गये। आपदा में कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गये। इम्फाल पश्चिम जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 6,053 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
सिंह ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "कल की ओलावृष्टि से राज्य को भारी नुकसान हुआ है। आगे का आकलन जारी है। अब तक 15,425 घर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।" उन्होंने कहा, "इंफाल पूर्व में कुल 5,600 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि चुराचांदपुर जिले में 540 घर क्षतिग्रस्त हो गए।"
उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से बिष्णुपुर में 1,179 घर, थौबल में 800 घर, कांगपोकपी में 292 घर और उखरुल में 200 घर क्षतिग्रस्त हो गए। सिंह ने कहा कि आपदा के बाद 42 राहत शिविर खोले गए और उपायुक्तों के माध्यम से राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा, "राहत खर्चों को पूरा करने के लिए कुल 6.19 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक घाटी जिले के लिए 50 लाख रुपये और पहाड़ी जिलों के लिए 40 लाख रुपये हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा, कुछ स्थानों पर तेज हवाओं ने झोपड़ियां उड़ा दीं, जबकि अन्य स्थानों पर ओलों के कारण टिन की छतों पर छेद हो गए। सिंह ने कहा कि नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण अभी भी जारी है। उन्होंने कहा कि छत सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए आदेश जारी किए गए थे। सिंह ने कहा, "सरकार किसानों के पशुधन और सब्जियों के नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करेगी।" इस बीच, इंफाल पश्चिम जिले में भी आदेश जारी किए गए, जिसमें टिन शीट जैसी छत सामग्री बेचने वाली दुकानों को सभी दिन खुले रहने के लिए कहा गया।