कोरोना को लेकर देश में लॉकडाउन लागू है, ऐसे माहौल में बिहार से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। बिहार के जहानाबाद में तीन साल का एक बच्चा एंबुलेंस का इंतजार करते-करते मां की गोद में ही इस दुनिया से चला गया।
बच्चा कुछ दिनों से बेहद बीमार था जिसे लेकर बच्चे की मां भटकते-भटकते जहानाबाद के एक सरकारी अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पटना रेफर कर दिया। जहानाबाद से पटना की दूरी 50 किलोमीटर है। बच्चे को पटना ले जाने के लिए मरीज के परिजन एंबुलेंस के लिए लगभग दो घंटे तक इधर से उधर भटकते रहे। मां बच्चे को लेकर मदद की भीख मांगती रही लेकिन तब तक उस बच्चे की जान चली गई।
अस्पताल एंबुलेंस तक मुहैया नहीं करा पाया
बच्चे के पिता ने जहानाबाद सदर अस्पताल के स्टॉफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बच्चे की हालत खराब थी जिसके इलाज के लिए वो यहां लेकर आए थे लेकिन यहां डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पटना रेफर कर दिया। उन्होंने अस्पताल से एंबुलेंस मुहैया कराने को कहा लेकिन वह उन्हें नहीं उपलब्ध कराई गई, बताते हैं कि अपने बच्चे की हालत को देखते हुए मां-बाप दोनों ने बहुत गुहार लगाई लेकिन अस्पताल वाले नहीं पसीजे।
सन्नाटे में चीख सुनने वाला कोई नहीं था
जिले का सरकारी अस्पताल होने के बावजूद इमरजेंसी की हालत में भी एक गरीब परिवार को एंबुलेंस नहीं मुहैया कराई जा सकी। बच्चा मां की गोद में तड़पता रहा। सब कुछ लुटा चुकी मां ने हाथों में अपने लाल के शव को उठाया और दहाड़े मारती जहानाबाद से अपने गांव के लिए पैदल ही निकल पड़ी लेकिन लॉकडाउन के सन्नाटे में उसकी यह चीख सुनने वाला कोई नहीं था।.