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प्रणब दा ने आरएसएस को दिखाया सच का आईना, मोदी को दिलाई राजधर्म की याद: कांग्रेस

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर में गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में...
प्रणब दा ने आरएसएस को दिखाया सच का आईना, मोदी को दिलाई राजधर्म की याद: कांग्रेस

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर में गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में पहुंचे, जिस पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस ने कहा कि संघ मुख्यालय में ‘वरिष्ठ नेता और विचारक’ की तस्वीरें देखकर पार्टी के लाखों कायकर्ताओं और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वालों को दुख हुआ है।

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘वरिष्ठ नेता और विचारक प्रणब मुखर्जी की आरएसएस मुख्यालय में तस्वीरों से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वाले लोग दुखी हैं।’

उन्होंने कहा, ‘संवाद उन्हीं लोगों के साथ हो सकता है जो सुनने, आत्मसात करने और बदलने के इच्छुक हों। यहां ऐसा कुछ नहीं जिससे पता चलता हो कि आरएसएस अपने मुख्य एजेंडा से हट चुका है। संघ वैधता हासिल करने की कोशिश में है।’

मुखर्जी ने आरएसएस को सच का आईना दिखाया: सुरजेवाला

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'पूर्व राष्ट्रपति का आरएसएस मुख्यालय का दौरा बड़ी चर्चा का विषय बन गया था. देश की विविधता और बहुलता में विश्वास करने वाले चिंता व्यक्त कर रहे थे, लेकिन आज मुखर्जी ने आरएसएस को सच का आईना दिखाया।'

उन्होंने कहा, 'मुखर्जी ने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में आरएसएस को सच का आईना दिखाया है। उनको बहुलवाद, सहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता और समग्रता के बारे में पाठ पढ़ाया है।' सुरजेवाला ने बताया कि मोदी सरकार हमारी विविधता, गैर-हिंसा, बहुसंस्कृतिवाद और विचारों को आत्मसात करे। उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि लोगों की खुशी में ही राजा का सुख है, उनका कल्याण ही उसका कल्याण है।'

'क्या आरएसएस मुखर्जी की नसीहत को सुनने और मानने के लिए तैयार है? 

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, 'क्या आरएसएस मुखर्जी की नसीहत को सुनने और मानने के लिए तैयार है? क्या वह अपने भीतर परिवर्तन के लिए तैयार है? क्या आरएसएस बहुलवाद, सहनशीलता, अहिंसा, धर्मनिरपेक्षता और विविधता के मूल्यों को स्वीकारने को तैयार है? उन्होंने पूछा, ''क्या वह दलितों, अल्पसंख्यकों और वंचितों के ये पूर्वाग्रह त्याग देने के लिए तैयार है? क्या वह वैज्ञानिक सोच को मानेगी?'' उन्होंने कहा कि मोहन भागवत को इन सवालों का जवाब देना चाहिए। 

जिसका डर था वही हुआ: शर्मिष्ठा मुखर्जी

वहीं,  प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आरएसएस पर फेक न्यूज़ को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि कहा कि उन्हें जिस बात का डर था वही हुआ।

कार्यक्रम में जाने को लेकर पार्टी नेताओं समेत बेटी ने खड़े किए थे सवाल

इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर सवाल खड़े किए थे।

पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि प्रणब दा का फैसला निजी है और इस पर खूब वाद-विवाद भी हो सकता है, लेकिन उनके जाने पर नहीं बल्कि उनके कहे शब्दों का विश्लेषण होना चाहिए।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि 'मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी।' शर्मिष्ठा ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि वह नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं संघ को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने' की सुविधा मुहैया करा रहे हैं।

गौरतलब है कि गुरुवार यानी 7 जून को मुखर्जी संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे।

कांग्रेस के कई नेता पूर्व राष्ट्रपति के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, रमेश चेन्नीथला और सी के जाफर शरीफ ने चिट्ठी लिखकर मुखर्जी से संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला बदलने की अपील की थी।

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