उत्तर प्रदेश में मऊ के अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश गैंगेस्टर कोर्ट के प्रभारी राम राज द्वितीय ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी को वीडियो कांन्फ्रेसिग के माध्यम से थाना दक्षिण टोला के गैंगेस्टर मामले में जुडिशियल रिमांड स्वीकृत किया। मंगलवार को पेशी के दौरान मुख्तार ने तकिया, तख्त और कुर्सी की मांग की। इस पर कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश कि मुख्तार को जेल मैनुअल के हिसाब से सुविधाएं दी जाएं।
न्यायालय ने अगली पेशी 11 जून के लिए नियत कर दी। गैंगेस्टर कोर्ट ने मंगलवार के लिये जरिये वारंट बी उन्हें अदालत में तलब किया था। सदर विधायक के अधिवक्ता ने न्यायालय में आवेदन किया कि मुख्तार अंसारी अस्वस्थता के कारण अदालत में व्यक्तिगत रूप से आने मे असमर्थ है। उनकी पेशी वीडियो कान्फ्रेंस से हो। इस पर न्यायालय ने अंसारी के वकील व गैगेस्टर कोर्ट के विशेष शासकीय अधिवक्ता कृष्ण शरण को सुनकर वीडियो कांन्फ्रेसिग से 60 दिन का रिमाण्ड स्वीकृत किया। इस दौरान मुख्तार अंसारी व जेल अधीक्षक बांदा वीडियो कान्फ्रेसिग द्वारा जेल से जुडे।
न्यायाधीश ने अंसारी से स्वास्थ्य के अलावा अन्य किसी परेशानी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल बोर्ड बना था। जिसने जांच कर कमर में दर्द व अन्य परेशानियों के लिए चेयर व हार्ड बेड चौकी उपलब्ध कराने को कहा था तथा फिजियो थिरेपी की भी अनुशंसा की गयी थी किन्तु जेल प्रशासन उक्त सुविधायें उपलब्ध नहीं करा रहा है। इस पर न्यायालय ने जेल अधीक्षक को जेल मैनुअल के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया।
अभियोजन के अनुसार थानाध्यक्ष दक्षिण टोला ने न्यायालय में आवेदन किया था कि सदर विधायक मुख्तार अंसारी थाने के अपराध संख्या 55/2020 धारा 3(1) गैंगेस्टर एक्ट में वांछित अभियुक्त हैं तथा वे थाने के एक फर्जी लाइसेंस के मामले में रोपड़ पंजाब में निरुद्ध हैं। न्यायालय ने रोपड़ जेल के लिए वारंट बी 13 अप्रैल के लिये भेजा था। अब मुख्तार अंसारी बांदा जेल में स्थान्तरित हो चुका है।