अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले उन्नाव से सांसद और भाजपा उम्मीदवार साक्षी महाराज पर 34 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने एक चुनावी सभा में शास्त्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि वह संत हैं। उन्होंने कहा कि जो उन्हें वोट नहीं देगा, यह उन सभी के लिए अभिशाप होगा।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव की एक चुनावी सभा में उन्होंने कहा, ‘एक संत आपके दरवाजे पर आया हैं। जब कोई संत भीख मांगने आता है और उसे वह चीज नहीं दी जाती है तो वह परिवार की सारी खुशियां छीन लेता है और बदले में परिवार को कोसता है।‘ उन्होंने कहा, ‘यह मैं नहीं कह रहा हूं, बल्कि मैं पवित्र ग्रंथों से उद्धृत कर रहा हूं। मैं पैसे या जमीन नहीं मांग रहा हूं। जो लोग मुझे वोट नहीं देंगे, उन्हें दैवीय नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।‘ उनके इस भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद उन पर आचार संहिता उल्लंघन का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है।
बदनाम करने की कोशिश का लगाया आरोप
शनिवार को साक्षी महाराज ने कहा कि उनके विरोधी उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्रवार को उनके द्वारा दिए गए बयान को गलत तरह से पेश किया जा रहा है। उनका दावा है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते दर्ज किया गया यह मामला कानूनी लड़ाई में खत्म हो जाएगा।
हलफनामे में कई मामलों का हवाला
उनके नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे पर एक नजर डालें तो उनकी छवि संत की कम और अपराधी की अधिक दिखती है। उनके खुद के दिए गए हलफनामे में उन पर दुश्मनी को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी, डकैती, डकैती, हत्या, जालसाजी, धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के चार मामले हैं। हालांकि उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। आठ मामलों में उन पर संज्ञान लिया गया है। ये मामले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद, एटा और दिल्ली में दर्ज हैं।
बलात्कार के लगे हैं आरोप
साल 2000 में, एटा में एक कॉलेज के प्राचार्य ने उनके खिलाफ एक पुलिस शिकायत दर्ज की थी जिसमें भाजपा सांसद और उनके दो भतीजों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। तब साक्षी महाराज बलात्कार के आरोप में एक महीना तिहाड़ जेल में रहे लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
दस साल पहले फर्रुखाबाद में उनके खिलाफ मैनपुरी की रहने वाली आश्रम की एक शिष्या ने एक और बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। जब मामला अदालत में पहुंचा तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की कि कोई बलात्कार नहीं हुआ था।
भाजपा से की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत
उनका नाम स्वामी सचिदानंद हरि है और उन्हें साक्षी महाराज के नाम से जाना जाता है। एटा के रहने वाले साक्षी महाराज के अनुयायियों की बड़ी संख्या है। पूरे प्रदेशभर में उनका स्कूलों और आश्रमों का नेटवर्क है। अपने शिष्यों के बीच वे बेहद लोकप्रिय माने जाते हैं।
1990 के दशक में उन्होंने भाजपा के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और दो बार फर्रुखाबाद से लोकसभा के लिए चुने गए। वह समाजवादी पार्टी में चले गए और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी में शामिल हो गए।
विवादास्पद बयानों को लेकर रहे चर्चा में
साक्षी महाराज के विवादित बयानों की लिस्ट लंबी है। मदरसों में आतंकवाद और नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में आए थे। उन्होंने जनसंख्या बढ़ाने के लिए हर हिंदू को चार संतान पैदा करने वाला बयान भी दिया था। साक्षी महाराज के सामने सपा-बसपा गठबंधन से अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महाराज और कांग्रेस से अन्नू टंडन मैदान में है। उन्नाव में चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा।