दुष्कर्म के आरोपी आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को रेप केस में सूरत की सेशंस कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने शुक्रवार 26 अप्रैल को सूरत की रहने वाली दो बहनों के साथ दुष्कर्म के आरोप में नारायण साईं को दोषी करार दिया था। पुलिस ने पीड़ित बहनों के बयान और सबूतों के आधार पर केस दर्ज किया था। नारायण साईं और आसाराम के खिलाफ रेप का केस करीब 11 साल पुराना है।
पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए मौका-ए-वारदात को पहचाना था। बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। केस दर्ज होने के बाद साईं अंडरग्राउंड हो गया था। करीब दो महीने बाद उसे हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास गिरफ्तार कर लिया गया। नारायण पर जेल में रहते हुए पुलिस कर्मचारी को 13 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का भी आरोप लगा था।
नारायण साईं के खिलाफ 53 गवाहों के बयान हुए दर्ज
नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट ने 53 गवाहों के बयान दर्ज किए, जिसमें कई अहम गवाह भी हैं जिन्होंने नारायण साईं को लड़कियों को अपना शिकार बनाते हुए देखा था या फिर इस कृत्य में आरोपियों की मदद की थी।
केस दर्ज होने के बाद अंडरग्राउंड हो गया था नारायण साईं
नारायण साईं पर जैसे ही रेप के मामले में एफआईआर दर्ज किया गया, वैसे ही वह अंडरग्राउंड हो गया था। वह पुलिस से बचकर लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। तत्कालीन सूरत पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने नारायण साईं को गिरफ्तार करने के लिए 58 अलग-अलग टीमें बनाई और तलाशी शुरू कर दी थी।
गिरफ्तारी के कई वीडियो भी आए थे सामने
एफआईआर दर्ज होने के करीब दो महीने बाद दिसंबर, 2013 में नारायण साईं हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त नारायण साईं ने सिख व्यक्ति का भेष धारण किया हुआ था। खुद को कृष्ण का रूप बताने वाले नारायण साईं की गिरफ्तारी के बाद उसके महिलाओं के बीच बांसुरी बजाते हुए कई वीडियो भी सामने आए थे।
नारायण साईं पर 13 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का भी आरोप
नारायण साईं पर जेल में रहते हुए पुलिस कर्मचारी को 13 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का भी आरोप लगा था, लेकिन इस मामले में नारायण साईं को जमानत मिल चुकी है।