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विधानसभा में बोले नीतीश कुमार- बिहार में एनआरसी का सवाल ही नहीं

नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर सोमवार को विपक्ष ने पटना में विधानसभा के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इस...
विधानसभा में बोले नीतीश कुमार- बिहार में एनआरसी का सवाल ही नहीं

नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर सोमवार को विपक्ष ने पटना में विधानसभा के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इस बीच विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर दावा किया कि बिहार में एनआरसी लागू होने का कोई सवाल ही नहीं है। नीतीश ने कहा कि एनआरसी का मुद्दा सिर्फ असम के परिप्रेक्ष्य में है और इसे पीएम नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं।

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तारीफ की

बता दें कि नागरिकता कानून के खिलाफ जेडीयू में ही दो फाड़ की स्थिति तब बन गई जब पार्टी लाइन से इतर उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बयान दिया। प्रशांत किशोर ने रविवार को भी सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तारीफ की। इसके बाद से कई तरह की सियासी अटकलें भी लगाई जा रही हैं।

नीतीश कुमार ने फिर दी सफाई

उधर, नीतीश कुमार पहले भी दावा करते रहे हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा। एक बार फिर सोमवार को उन्होंने विधानसभा में यह दावा दोहराया। सीएम ने कहा, 'बिहार में एनआरसी का कोई सवाल ही नहीं है। यह मुद्दा सिर्फ असम से जुड़ा है। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस बारे में स्पष्ट कर चुके हैं।'

लंबे समय तक नीतीश कुमार एनआरसी-सीएए के मुद्दे पर खामोश रहे

दरअसल, प्रशांत किशोर की तरफ से लगातार सीएए के विरोध के बीच लंबे समय तक नीतीश कुमार एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर खामोश रहे। बिहार की सियासत में अब कहा जाने लगा है कि पीके नीतीश की मजबूरी हैं क्योंकि उन्हीं के जरिए नीतीश कई रणनीति पर काम कर रहे हैं।  

जेडीयू की धर्मनिरपेक्ष छवि की याद दिलाते रहे हैं

प्रशांत किशोर नीतीश को भी जेडीयू की धर्मनिरपेक्ष छवि की याद दिलाते रहे हैं। पीके के अलावा पवन वर्मा और गुलाम रसूल बलयावी ने भी सीएए का समर्थन करने को लेकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयान दे चुके हैं। इसके बावजूद पार्टी नेतृत्व ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

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