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नवीन गोयल ने गुरुग्राम विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर ठोंकी चुनावी ताल, बीजेपी से कट गया था टिकट

बीजेपी से टिकट कट जाने के बाद पूर्व में व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रहे नवीन गोयल ने गुरुग्राम...
नवीन गोयल ने गुरुग्राम विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर ठोंकी चुनावी ताल, बीजेपी से कट गया था टिकट

बीजेपी से टिकट कट जाने के बाद पूर्व में व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रहे नवीन गोयल ने गुरुग्राम विधानसभा से निर्दलीय नामांकन कर चुनावी ताल ठोंक दी है। उनका दावा है कि उन्होंने पिछले 11 वर्षों में अपनी सेवा और काम से पहचान बनाई है जिस पर उन्हें अपनी जीत का भरोसा है।

नामांकन से पहले नवीन गोयल ने गुरुग्राम की अधिष्ठात्री देवी माँ शीतला माता और पंजाबी समुदाय के आध्यात्मिक गुरू धर्मदेव का आर्शीवाद लिया। ब्राह्मण समाज के समर्थन के शंखनाद के साथ अपनी नामांकन रैली की शुरुआत की, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर ब्राह्मण मुकेश शर्मा को टिकट दिया है। एक हफ्ते पहले नवीन गोयल ने गुरुग्राम में एक बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन और परशुराम लीला कार्यक्रम का भी आयोजन किया था।

नवीन गोयल ने कहा, "मेरे लिए राजनीति सत्ता-सुख भोगने का  माध्यम नहीं है। गुरुग्राम विधानसभा को देश की नंबर वन विधानसभा बनाना ही मेरा लक्ष्य है। मेरा विजन और सपना है कि गुरुग्राम विधानसभा शिक्षा के मामले में भी देश में नंबर वन हो और रोजगार के मामले में भी। स्वच्छता के मामले में जिस तरह इंदौर का नाम लिया जाता है, उसकी जगह गुरुग्राम को आगे लाना है। जल भराव जैसी समस्याएं न हो इसके लिए भी हमें काम करना है।"

मंच पर भाजपा के कई पूर्व पार्षदों और नेताओं ने उनके समर्थन का वादा किया । साथ ही गुरुग्राम के पंजाबी समुदाय और 36 बिरादरियों के प्रधानों ने भी साथ और समर्थन दिया। उन्होंने कहा," भले ही मेरे पास किसी पार्टी का सिंबल नहीं है लेकिन अगर मुझे भारी मतों से जीत मिलती है तो फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसकी सरकार बनती है या किसकी नहीं।"

गुरुग्राम में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प और त्रिकोणीय है। भाजपा ने जहां ब्राह्मण समुदाय से मुकेश शर्मा को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने पंजाबी समुदाय से मोहित ग्रोवर को टिकट दिया है। पिछले दो बार से लगातार वैश्य समुदाय का व्यक्ति ही भाजपा की टिकट पर गुरुग्राम से चुनाव जीतता रहा है। इस बार वैश्य समुदाय से अकेले नवीन गोयल ही निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं। पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल ने भी ऐलान कर दिया है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे, अपनी समाज की भावना का सम्मान करेंगे।

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