लखनऊ। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनको विश्वास है कि जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयास से उत्तर प्रदेश शीघ्र ही हर तरह से उत्तम प्रदेश बनेगा। उन्होंने कहा कि आज से 25 वर्ष बाद जब हमारे देशवासी आजादी की शताब्दी का उत्सव मना रहे होंगे तब उत्तर प्रदेश विकास के मानकों पर भारत के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो चुका होगा और हमारा देश विश्व समुदाय में विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने जनप्रतिनिधियों से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि विधानमण्डल लोकतंत्र का मंदिर होता है। जनता आप सबको अपना भाग्यविधाता मानती है। प्रदेश की जनता को आप सबसे बहुत सी उम्मीदें और अपेक्षाएं हैं। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही आपका सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है। आपकी जनसेवा के दायरे में सभी नागरिक शामिल हैं चाहें उन्होंने आपको वोट दिया हो या नहीं। इसलिए हर व्यक्ति के हित में कार्य करना आपकी जिम्मेदारी है। इस मौके पर उनके साथ मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी उपस्थित रहे।
इससे पहले राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि विश्व के सबसे विशाल लोकतंत्र, सबसे बड़े राज्य के विधानमण्डल के सदस्यों को इस महत्वपूर्ण सत्र में सम्बोधित करते हुए उन्हें विशेष प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हम यूरोप के तीन महत्वपूर्ण लोकतांत्रित देशों की बात करें। जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम की जनसंख्या को मिलाकर जितनी उनकी कुल आबादी है उतनी अकेले उत्तर प्रदेश की है। उत्तर प्रदेश की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक विविधता यहां के लोकतंत्र को और भी समृद्ध और मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ से अधिक की आबादी अनेकता में एकता की हमारी संस्कृति विशेषता का बहुत अच्छा उदाहरण हमारे सामने प्रस्तुत करती है। इस महत्वपूर्ण राज्य में आप सबका जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होना विशेष महत्व की बात है। राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक समावेश की दृष्टि से यह एक अच्छी उपलब्धि है कि वर्तमान विधानमण्डल में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व का दायरा कहीं अधिक व्यापक हुआ है। लेकिन मुझे बताया गया है कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या सैंतालिस है। लेकिन इतनी संख्या से संतोष नहीं करना चाहिये। महिलाओं के प्रतिनिधित्व में वृद्धि की व्यापक संभावनाएं हैं। ये आप सब पर निर्भर करता है कि इन संभावनाओं को कैसे तलाशें और कैस सुधारें।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश को इस संदर्भ में एक अग्रणी राज्य बनाना चाहिये। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि नीति आयोग की इंडेक्स रिपोर्ट 2020-21 के तहत महिलाओं व पुरुषों के बीच वेतन का अंतर अन्य राज्यों के अपेक्षा उत्तर प्रदेश में सबसे कम है। यह जेंडर इक्वेलिटी का एक महत्वपूर्ण मानक है। इस उपलब्धि के लिए मैं उत्तर प्रदेश की सरकार को साधुवाद देता हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का भारत में पहला स्थान है। इसी प्रकार आम, गन्ना, दूध के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में सड़कों के निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। रेल व एयर कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा अन्य राज्यों में विदेशों में आर्थिक प्रगति के प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनैतिक व प्रशासनिक स्थिरता की संस्कृति का निर्माण करते हुए यह विश्वास जगाया है कि निकट भविष्य में ही उत्तर प्रदेश द्वारा आर्थिक प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित किये जाएंगे। पर्यटन, फूड प्रोसेसिंग, इनफार्मेशन टैक्नोलॉजी तथा अर्बन डेवलपमेंट की संभावनाएं इस प्रदेश में उपलबध है। निष्कर्ष के तौर में मैं कह सकता हूं कि उत्तर प्रदेश में जैसी उपजाऊ भूमि व कृषि के लिए सहायक परिस्थितियां हैं वो पूरे विश्व व भारत में अन्य प्रदेशों में कहीं पर भी नहीं है। कृषि के क्षेत्र में उत्पादन के साथ उत्पादकता कृषि आधारित उद्यमों पर और अधिक ध्यान देकर आर्थिक स्थिति में बहुत बड़े बदलाव किये जा सकते हैं। खुशी होती है कि केन्द्र और राज्य की सरकार मिलकर इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील हैं।
क्रांतिवीरों की याद में शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान मालाएं आयोजित की जाएं
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने जनप्रतिनिधियों से कहा कि उत्तर प्रदेश की स्वस्थ राजनैतिक परंपरा को और मजबूत बनाना है। इस वर्ष हम सब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस महोत्सव का एक उद्देश्य शहीदों को याद करना है। नई पीढी को इनके बारे में जानना चाहिये। उन्होंने आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले स्वाधीनता सेनानियों पर भी प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के क्रांतिकारियों की सूची इतनी लम्बी है कि सबके नामों का उल्लेख करना किसी एक सम्बोधन में करना संभव नहीं है। मैं चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश के ऐसे क्रातिवीरों की याद में शिक्षण संस्थानों में व्याख्यान मालाएं आयोजित की जाएं। अन्य माध्यमों के जरिये उनकी जीवनगाथाओं से लोगों को अवगत कराया जाए।