टोक्यो ओलंपिक में भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। नीरज ने शनिवार को जैवलीन थ्रो भाला फेंक के फाइनल में 87.58 मीटर का थ्रो करके दुनिया के दिग्गज जैवलिन थ्रोअर को मात दे दी। वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले एथलीट बन गए हैं। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला है। बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था।
स्वर्ण पदक जीतने के बाद भाला फेंक के एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा, "यह अविश्वसनीय है, मेरे और देश के लिए गौरवशाली क्षण है।" उन्होंने कहा, "मुझे पता था कि मैं अपना बेस्ट दूंगा। आज कुछ अलग करना था, लेकिन गोलगोल्ड मेडल के बारे में मैंने नहीं सोचा था।"
23 साल के चोपड़ा ने कहा, ‘‘विश्वास नहीं हो रहा। पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिये मैं बहुत खुश हूं। हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही स्वर्ण है।’’ यह पूछने पर कि क्या वह स्वर्ण पदक जीतकर हैरान थे जिसमें जर्मनी के महान एथलीट योहानेस वेटर भी शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘‘क्वालीफिकेशन राउंड में मैंने काफी अच्छा थ्रो फेंका था इसलिये मैं जानता था कि मैं फाइनल में बेहतर कर सकता हूं. लेकिन मैं नहीं जानता कि यह गोल्ड होगा, मैं बहुत खुश हूं।’’
नीरज ने कहा कि जब राष्ट्रगान की धुन बजी और तिरंगा लहराया...मेरे शरीर में करंट दौड़ गया...मेरी आंखों में आंसू आ गए...। पानीपत के नीरज चोपड़ा ने अपना गोल्ड मेडल दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि मैं मेडल के साथ उनसे मिलना चाहता था। पदक के पास पहुंचे सभी एथलीट को ये समर्पित है । बता दें कि मिल्खा सिंह का सपना था कि कोई भारतीय ट्रैक और फील्ड में ओलंपिक पदक जीते।