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पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह नया आयोग बनेगा, संवैधानिक दर्जा भी मिलेगा

केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह अब एक नया आयोग बनाया जाएगा, जिसे संवैधानिक दर्जा भी दिया जाएगा।
पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह नया आयोग बनेगा, संवैधानिक दर्जा भी मिलेगा

ये आयोग सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े लोगों के लिए काम करेगा। नए बदलाव के तहत अब ओबीसी में नई जातियों को शामिल करने के लिए संसद की इजाजत लेनी होगी।

पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए सरकार संविधान में संशोधन भी करेगी। अब तक ये फैसला सरकार के स्तर पर ही होता रहा है। सरकार ने ये बड़ा फैसला जाट आरक्षण की मांग के मद्देनज़र किया है।

सरकार की तरफ से ये फैसला लेनी को दो बड़ी वजह सामने निकल कर आ रही हैं। पहली बड़ी वजह जाट आरक्षण को लेकर है। जाट नेताओं और हरियाणा सरकार के बीच जो बातचीत हुई थी, उसमें पहली शर्त थी कि पहले पिछड़ा वर्ग आयोग का नए सिरे से गठन हो, क्योंकि, इसका कार्यकाल खत्म हो गया है।

सरकार इस नए आयोग को बनाकर उसे संवैधानिक दर्जा देगी। जबकि पिछले कानून को संसद से कानून पारित करके बनाया गया था। मौजूदा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग वैधानिक संस्था है जिसके तहत अबतक सरकार के स्तर पर ही ऐसे फैसले होते रहे हैं।

इसके लिए सरकार एक कमेटी का गठन करेगी जो नए आयोग की दशा और दिशा को लेकर छह महीने के अंदर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट में जाटों के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन के बारे जिक्र होगा। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के बाद ही जाटों को पुख्ता तौर पर आरक्षण दिया जाएगा।

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