बोर्ड परीक्षाओं के कुछ ही सप्ताह शेष रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानी आज स्कूली छात्रों से परीक्षा से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। इस संवाद में पीएम नरेंद्र मोदी छात्रों को संबोधित कर उन्हें परीक्षा की तैयारियों के गुर सिखाए, ताकि छात्रों को तनाव से मुक्ति मिले।
शुक्रवार को दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में 'परीक्षा पर चर्चा' के दौरान पीएम मोदी ने लाखों छात्रों को गुरुमंत्र दिए। इस दौरान उन्होंने बच्चों से कहा, मैं आपका दोस्त हूं। यह प्रधानमंत्री का कार्यक्रम नहीं बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है। पीएम ने विवेकानंद जी का जिक्र करते हुए बच्चों से कहा कि विवेकानंद जी कहा करते थे कि अपने आप को कम नहीं आंको।
इस कार्यक्रम में परिचर्चा का शीर्षक 'मेकिंग एक्जाम फन: चैट विद पीएम मोदी' रखा गया है। इस दौरान बोर्ड एक्जाम और एग्जाम के तनाव से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई।
पीएम मोदी की पाठशाला के गुरुमंत्र-
- पीएम मोदी ने कहा कि जीवन में सब कुछ है, लेकिन आत्मविश्वास न हो तो कुछ नहीं कर सकते। मेहनत में ईमानदारी होनी चाहिए।
- 11वीं कक्षा की एक छात्रा के सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि मैं बचपन में विवेकानंद को बहुत पढ़ता था। उनका कहना था कि अहम ब्रह्मास्मि। मैं ही ब्रह्म हूं। दरअसल वो खुद में विश्वास दिलाने की बात करते थे।
- पीएम मोदी ने इस दौरान अपने बचपन की कई बातों को बच्चों के साथ शेयर किया। मोदी ने बच्चों से कहा कि आप खुद अपना एक्जामिनर हो। आपको खुद तय करना है कि आप अपना कैसा भविष्य चाहते हैं।
- नरेंद्र मोदी ने कहा कि परीक्षा कोई हौव्वा नहीं है, जिससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। कुछ दिन बाद ही 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा होने हैं। उन्होंने कहा किसी भी इंसान को अपने अंदर के विद्यार्थी को मरने नहीं देना चाहिए। पीएम ने कहा कि जब भी कोई काम करें तो उसी से जुड़े रहना चाहिए।
- पीएम मोदी ने कहा कि पानी भी पीना चाहिए तो हमें जी भरक पानी चाहिए, तभी उसका फायदा मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि युद्ध और खेल के विज्ञान में हमेशा एक सुझाव आता है कि आप अपने मैदान में खेलिए। युद्ध के अंदर भी यही समझाया जाता है कि दुश्मन को अपने मैदान में लाओ। उन्होंने किसी दोस्त के साथ न करते हुए सलाह दी कि हर किसी की सोच और परवरिश अलग-अलग होती है आपको अपनी ताकत पहची है।
- किसी भी दूसरे से तुलना करने और पिछले परिणाम को लेकर अभिभावकों द्वारा बच्चों को कही जाने वाली बातों से जुड़े सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि हमें किसी अन्य से नहीं, खुद से स्पर्द्धा करने की जरूरत है। आप खुद से दो कदम आगे जाना सीख लेंगे, तो आपको किसी से शाबासी की जरूरत नहीं होगी, जो आपकी ताकत है, उसी में आगे बढ़ें।
- परीक्षा पर चर्चा के दौरान मोदी ने कहा कि यूक्रेन का एक खिलाड़ी खुद के रिकॉर्ड तोड़ता है। इसलिए हमें अपने आप से अनुस्पर्धा करनी चाहिए। जब छात्रों ने पीएम से कहा कि उनके माता-पिता दबाव बनाते हैं उस पर पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि तो आप लोग चाहते हैं कि मैं अपके माता-पिता की क्लास लगाउं। लेकिन इसके बाद पीएम मोदी ने कहा हमें उन पर शक नहीं होना चाहिए। वह चाहते हैं कि उनके बच्चे कुछ बन जाएं।
- पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि यह सवाल उतना ही अभिभावकों की तरफ से भी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने मां-बाप के इरादों पर शक नहीं करना चाहिए। वे अपनी खुशियों को कुर्बान कर देते हैं आपके बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए। वे अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते हैं तो वो अपने सपनों को अपने बच्चों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं। बच्चों को अपने मां-बाप से बात करनी चाहिए।
- इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बात यहां के बच्चों को सीखाने की जरूरत नहीं होती। यहां के बच्चे जन्मजात पोलिटिशियन होते हैं। वे अपनी बातों को कैसे मनवाना है जानते हैं।
- वहीं, योग पर चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि योग को लेकर बच्चों में काफी जागरूकता आई है। दयाल सिंह कॉलेज की दीप सिंह ग्रोवर के सवाल पर पीएम मोदी ने योग को लेकर कई बातें भी शेयर कीं। उन्होंने कहा कि सभी योग-आसन अच्छे हैं, लेकिन आप वही आसन कीजिए, जो आप जानते हैं। उसी से आपके अंदर ऊर्जा का संचार होगा और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलेगी।
- नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं टीचर को ज्यादा सलाह नहीं देना चाहूंगा, वे अपना काम करते ही है। पहले टीचर पर मां-बाप का पूरा भरोसा था, लेकिन आज स्थिति ऐसी नहीं है। जैसे परिवार का डॉक्टर होता है, उसी तरह से पहले एक टीचर परिवार से जुड़े होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं दिखता। पीएम ने कहा कि इस पर फिर से सोचना चाहिए।
- पीएम ने कहा कि सहज लचीलेपन के साथ हम जिस माहौल में जी रहे हैं, उसमें एक तालमेल बनाकर चलना चाहिए। अपने समय का उपयोग किस प्रकार करते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। समय का महत्व आपको तय करना होगा।
- पीएम ने कहा, छात्र हमेशा मां सरस्वती का पूजन करते हैं, लेकिन परीक्षा से पहले अक्सर कई बच्चे हनुमान जी की पूजा करने लगते हैं। लेकिन ऐसा क्यों करते है आपने सोचा है? मैं तो अपने वक्त में यह सोचता था कि अगर परीक्षा के दौरान नकल की चिट पकड़ी गई, तो शिक्षक यह समझ ले कि वह हनुमान जी का भक्त है।
- स्कूल जाते वक्त यह दिमाग से यह निकाल दें कि आप परीक्षा देने जा रहे हैं। आप यह समझिए कि आप ही आपको अंक देने वाले हैं। इस भाव के साथ आप परीक्षा में बैठिए।
कार्यक्रम से एक दिन पहले PM ने किया ट्वीट
इस कार्यक्रम से पहले गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि 'मैं युवा दोस्तों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षाओं में मुस्कुराहट और बिना किसी तनाव के शामिल होने की चर्चा को लेकर बेहद उत्सुक हूं। यह परीक्षा पर चर्चा कल (शुक्रवार को) 12 बजे शुरू होगी।'
I am extremely eager to interact with young friends, teachers and parents on the need to appear for exams with a smile, without any stress. This ‘Pariksha Pe Charcha’ begins at 12 noon tomorrow.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2018
प्रकाश जावडेकर- लाखों शिक्षकों को इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा
पीएम से पहले प्रकाश जावडेकर ने कहा कि 13 लाख शिक्षकों को इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं। वकील, इंजीनियर बनने के लिए जैसे कोर्स करते हैं वैसे ही टीचर्स के लिए भी कोर्स कराया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए काम किए जाएंगे।
सीबीएसई द्वारा स्कूलों को कार्यक्रम के लाइव टेलिकास्ट की व्यवस्था करने और छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया गया है। इस कार्यक्रम में करीब 10 छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री से सीधे सवाल पूछने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री माईगॉव डॉट इन से चुने गए कुछ सवालों के जवाब भी देंगे।
PM ने छात्रों के लिए लिखी ‘एग्जाम वारियर’ नामक किताब
प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही छात्रों के लिए ‘एग्जाम वारियर’ नामक किताब लिखी है, जिसमे उन्होंने परीक्षा के लिए 25 मंत्र बताएं है, जिससे छात्र-छात्राओं का हौसला बढ़ेगा। इस किताब में पीएम मोदी ने यह संदेश दिया है कि परीक्षा कोई हौव्वा नहीं है। इससे डरने की कोई जरूरत नहीं होती है। यह किताब बाजार में उपलब्ध भी है।193 पन्नों की इस पुस्तक में परीक्षा की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के लिए 25 अध्यायों में 25 नुस्खे दिए गए हैं। किताब के अंत में परीक्षार्थियों के लिए योगासन भी बताए गए हैं।