राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा अमरनाथ मंदिर को शांत क्षेत्र घोषित करने के बाद अब इस मामले में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) का बयान आया है। एसएएसबी ने कहा कि एनजीटी ने उसे अपना मामला रखने का पूरा मौका दिए बिना ही निर्देश जारी किया।
बता दें कि एनजीटी ने दक्षिण कश्मीर के हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर को ‘साइलेंस जोन’ घोषित कर दिया था और प्रवेश द्वार के आगे कोई भी धार्मिक पूजा-पाठ करने और घंटी बजाने या मंत्रोच्चार पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बहरहाल, 14 दिसंबर को एनजीटी ने अपने फैसले पर विरोध के बाद स्पष्ट किया कि उसने गुफा मंदिर के भीतर मंत्र पढ़ने और भजन गाने समेत कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। हालांकि बाद में एनजीटी ने साफ किया कि उसकी रोक का मतलब यह है कि कोई भी श्रद्धालु या कोई भी व्यक्ति ‘अमरनाथ जी महा शिवलिंग’ के सामने खड़े होकर किसी तरह की आवाज न करे।
पीटीआई के मुताबिक, एसएएसबी के चेयरमैन राज्यपाल एनएन वोहरा ने एनजीटी के हालिया निर्देशों पर चर्चा करने के लिए नौ जनवरी को बोर्ड की आपात बैठक बुलाई है। एक बयान में आज यहां कहा गया कि एसएएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरुला ने कहा कि बोर्ड में चर्चा के बाद एक अपील दायर करने के संबंध में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।