राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मंगलवार को पालघर महाराष्ट्र मामले पर डीजीपी को नोटिस जारी किया है। आयोग ने डीजीपी से चार सप्ताह में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिसमें दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी और मृतक के परिजनों को दी गई राहत भी शामिल है। आयोग का मानना है कि घटना साफतौर पर लोक सेवकों की लापरवाही का संकेत है।
बता दें कि 16 अप्रैल को मुंबई के दो संतों समेत तीन लोग कार से गुजरात के सूरत जा रहे थे, तभी रास्ते में पालघर में ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह पर उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में 110 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
30 तक पुलिस कस्टडी में
पालघर पुलिस ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कार्रवाई की जानकारी दी कि इस मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें से नौ नाबालिग हैं। पालघर पुलिस ने लिखा, "पालघर मॉब लिंचिंग मामले में जिन 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें नौ नाबालिग शामिल हैं। 101 लोगों को इस महीने की 30 तारीख तक के लिए पुलिस कस्टडी में लिया गया है। इस मामले में जांच अभी जारी है।"
दो पुलिसकर्मी निलंबित
मामले में सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बयान दिया कि हमने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच की जिम्मेदारी एडीजी सीआईडी क्राइम अतुल चंद्र कुलकर्णी को सौंपी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में 5 मुख्य आरोपियों के साथ 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उद्धव ने बताया कि इस पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। उन्होंने बताया, ‘मैंने आज सुबह गृह मंत्री अमित शाह से बात की है। गृह मंत्रालय के पालघर मॉब लिचिंग पर महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है।