साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट के मामले में एनआइए कोर्ट ने सभी सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। सभी आरोपियों को आतंक निरोधक कानून यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है जिसमें रिटायर्ड लेफ्टीनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर पर आतंकी साजिश रचने और हत्या के आरोप लगाए गए हैं।
कर्नल पुरोहित औऱ प्रज्ञा ठाकुर सहित रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चुतुर्वेदी के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। अब इन पर यूएपीए के तहत ट्रायल चलेगा। इन आरोपियों ने कोर्ट में ब्लास्ट में कोई भी भूमिका न होने की बात कही थी।
इससे एक दिन पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने कर्नल पुरोहित की उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। पुरोहित का कहना था कि उन्हें इस मामले में जानबूझ कर फंसाया गया है क्योंकि वो आईएसआईएस और सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के पीछे कौन है इसकी जांच कर रहे थे।
मालेगांव धमाका मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपियों को अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट जमानत मिल गई थी।
क्या है मालेगांव से जुड़ा मसला?
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में ब्लास्ट हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल होने की खबर आई थी। इसके बाद एटीएस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। साल 2011 में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी।