मुंबई निवासी 51 वर्षीय नाईक के खिलाफ नोटिस जारी किया गया। समझा जाता है कि उसकी गतिविधियां निगरानी के दायरे में आने के बाद से वह सऊदी अरब में रह रहा है। उस पर आरोप है कि ढाका के एक कैफे पर पिछले वर्ष हुए हमले के लिए उसने कुछ आतंकवादियों को उकसाया था।
एनआईए के एक अधिकारी ने यहां कहा कि प्रतिबंधित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के संस्थापक नाईक से कहा गया है कि आतंकवाद निरोधक एजेंसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में 14 मार्च को पेश हो।
उन्होंने बताया कि उसके भाई मोहम्मद अब्दुल करीम नाईक ने यहां मझगांव के जैसमीन अपार्टमेंट में नोटिस प्राप्त किया। एनआईए ने नवंबर में नाईक और उसके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। चिकित्सक से प्रचारक बने नाईक पर विभिन्न समूहों के बीच कथित तौर पर धर्म के आधार पर शत्रुता बढ़ाने और सौहार्द बिगाड़ने का काम करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए का आरोप है कि नाईक ने मुस्लिम युवकों को गैर कानूनी और आतंकवादी कृत्यों में शामिल होने के लिए उकसाया। केंद्र ने दक्षिण मुंबई के डोंगरी में गैर सरकारी संगठन आईआरएफ को यूएपीए के तहत अवैध संगठन घोषित कर रखा है। (एजेंसी)