मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को पंजाब नैशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। नीरव मोदी को मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वहां उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया लंबित है।
विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा ऐसा कारोबारी है जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून (एफईओ) के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया गया है। यह कानून पिछले साल अगस्त में प्रभाव में आया था।
ईडी ने की थी अपील
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर कोर्ट ने नीरव मोदी को आर्थिक अपराधी घोषित किया है। वहीं, नीरव मोदी ने इससे पहले कोर्ट से अपील की थी कि ईडी की मांग को खारिज कर दिया जाए। पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं। पिछले साल जनवरी में देश का सबसे बड़ा यह बैंकिंग घोटाला सामने आया था। धोखाधड़ी के सामने आने से पहले ही दोनों दोनों देश छोड़कर भाग चुके थे।
कोर्ट ने जारी किया था समन
इससे पहले विशेष सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को नीरव मोदी और दो अन्य के खिलाफ मुनादी आदेश जारी किया। साथ ही इन आरोपियों को 15 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। ऐसा नहीं करने पर ही कोर्ट ने नीरव समेत अन्य आरोपियों को भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। विशेष जज वीसी बोर्डे ने पेश होने का आदेश नीरव, उसके भाई नीशाल मोदी और करीबी सहयोगी सुभाष परब के खिलाफ जारी किया था। एक बार भगोड़ा अपराधी घोषित करने पर जांच एजेंसी देश में मौजूद उसकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर सकती है।