पांच साल पहले आज के ही दिन गैंग रेप की शिकार हुई निर्भया के कातिल अभी भी जिंदा हैं। इससे निर्भया की मां आशा देवी काफी दुखी हैं और उन्हें न्याय मिले का इंतजार है।
16 दिसंबर 2012 की रात छह दरिंदों ने चलती बस में 23 साल की फिजियोथेरेपी की छात्रा निर्भया के साथ न सिर्फ सामूहिक बलात्कार किया था बल्कि उसकी बुरी तरह से पिटाई भी की थी। इसके बाद उसे और उसके मित्र को घायल अवस्था में सड़क किनारे फेंक दिया गया था। इस घटना के कुछ दिनों बाद इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई।
आशा देवी कहती है, “घटना के पांच साल बीत चुके हैं पर उसके कातिल अभी जिंदा हैं। अगर न्याय समय पर नहीं मिला तो लोगों का कानून से डर खत्म हो जाएगा। देश में कठोर कानून बनाए जाने की जरूरत है। इसमें सभी को बराबर रखा जाना चाहिए चाहे वह राजनीतिज्ञ हो या आम आदमी।”
उन्होंने कहा कि उऩका परिवार आज भी वहीं खड़ा है जहां 2012 में था। उन्होंने सवाल किया उस समय वादा किया गया था कि सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे पर ये कैमरे कहां हैं। सारे वादे केवल मौखिक रह गए इनका पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ भी नहीं बदला। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं और कोई कुछ भी नहीं बोलता।
आशा देवी ने कहा कि उन्होंने सरकार से न्याय की फरियाद लगाई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि किसी के सामने निजी मदद के लिए हाथ नहीं फैलाए। पति या परिवार के किसी सदस्य के लिए नौकरी नहीं मांगी। मैंने हरदम न्याय की मांग की। केस दो साल से सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में महिला सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया। महिलाओं पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं बदला है और नहीं कोई सुधार हुआ है। समाज, व्यवस्था, पुलिस और अन्य अधिकारियों की सोच में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि इलाज के दौरान 29 दिसंबर 2012 को निर्भया की सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी।